कुछ इसी तरह की भावना के साथ और अनुवाद की आतुरता से भरपूर एक यूएन प्रतियोगिता में, 2023 में दुनिया भर से अनुवादकों, दुभाषियों, छात्रों और अच्छी भाषाई चुनौतियों के प्रेमियों ने, अपनी अर्ज़ियाँ दाख़िल कीं. इस प्रतियोगिता का नाम है – सेंट जेरॉम अनुवाद प्रतियोगिता.
तीन वर्षों की ख़ामोशी के बाद, ये प्रतियोगिता एक बार फिर सक्रिय हो गई है, और दुनिया भर से शामिल हुए प्रतिभागी, इस भाषाई कसरत में दो-दो हाथ करने के लिए, अपना दम-ख़म आज़माते नज़र आए.
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की चिन्ता
विशेषज्ञ जजों के एक पैनल ने, प्रत्येक भाषा के लिए दाख़िल प्रविष्टियों की बारीक छानबीन की है, जिसमें उनकी नज़र, उलझा देने वाले किसी घरेलू काम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और स्पेन के किसी परम्परागत पकवान का, ना केवल अर्थ सम्प्रेषित करने में सटीकता पर थी, बल्कि इस पर भी थी कि उसमें स्रोत भाषा की बारीकियों के साथ-साथ, शैली की समझ भी झलके.
लक्ष्य सदैव ये सुनिश्चित करना होता है कि अनुवाद में, अर्थ नहीं खो जाए.
जिनीवा स्थित यूएन कार्यालय में रूसी विभाग में वरिष्ठ भाषा परिषोधक और इस प्रतियोगिता के एक जज कहते हैं, “गूगल और एआई में बढ़ोत्तरी, और उससे हमारे कौशल को उत्पन्न ख़तरे के बावजूद, अनुवाद में अब भी रुचि बरक़रार है.”
उन्होंने, बुधवार को वियेना में आयोजित आधिकारिक पुरस्कार समारोह में प्रतिभागियों से मुख़ातिब होते हुए कहा, “हमें अनेक अनुवादकों की भाषाई जीवन्तता पर अति प्रसन्नता हुई; ऐसा प्रतीत होता है कि ज़्यादातर प्रतियोगियों को इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है, मसलन डिशवॉशर में बर्तन भरना इत्यादि. और ऐसा भी लगता है कि मानो, उनमें से कुछ प्रतियोगियों को तो उस तरह के कामों को याद करके ही अत्यधिक दबाव व उलझन महसूस करने पड़े हों.”
जज का कहना था, “आजकल के ट्वीट, पसन्दगी की अभिव्यक्ति, किसी की टिप्पणी को आगे बढ़ाने, जीवन्त भाषा साहित्य के दौर में भी, हमें, जो सामग्री हमने पढ़ने को मिली, उसमें भी मूल सामग्री की कसावट, व्यंगात्मकता और हास्य नज़र आए.”
“ये ताज़ा हवा का एक झोंका था.”
अनुवादकों के पुरोधा संरक्षक
इस वर्ष के जो भाषा विज्ञानी, अपने भाषा प्रेम के लिए एकजुट हुए, उनमें मौजूदा यूएन स्टाफ़ व इंटर्न, संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त राजनयिक मिशन के स्टाफ़, और साझीदार विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल थे.
यूएन मुख्यालय स्थित अंग्रेज़ी अनुवाद सेवा ने, यह वार्षिक प्रतियोगिता वर्ष 2005 में, अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस के लिए आरम्भ की थी, जोकि हर वर्ष 30 सितम्बर को मनाया जाता है. इस दिवस को दुनिया भर में अनुवादकों के लिए एक ऐतिहासिक पड़ाव समझा जाता है.
यह दिवस, सेंट जेरॉम की दावत का जश्न मनाने का मौक़ा है, जिन्हें अनुवादकों का संरक्षण पुरोधा समझा जाता है. इटली के इस पादरी ने बाइबल का अनुवाद, यूनानी पांडुलिपियों से लातीनी भाषा में किया था और इंजील के कुछ हिस्सों का भी अनुवाद यूनानी भाषा में किया था.
इस बहुभाषा विज्ञानी पादरी का निधन, बैथलहैम के निकट, 30 सितम्बर 420 को हुआ था.
लगभग डेढ़ सहस्राब्दि बाद हो रही इस अनुवाद प्रतियोगिता ने, वैश्विक रूप ले लिया है. यहाँ तक कि जर्मन अनुवादकों का, स्वयं का संस्करण है.
और विजेताओं के नाम हैं…
बुधवार को आयोजित हुए समारोह में, अंग्रेज़ी से अरबी, चीनी, फ्रेंच, रूसी, स्पैनिश भाषाओं में, या जर्मन व स्पैनिश भाषा से अंग्रेज़ी में अनुवादों के लिए पुरस्कार वितरित किए गए.
संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएँ हैं – अरबी, चीनी, अंग्रेज़ी, फ्रेंच, रूसी और स्पैनिश. विजेताओं का सम्बन्ध विश्व के सभी क्षेत्रों से था.
विजेताओं में शामिल थे – बेरूत के सेंट विश्वविद्यालय की एक छात्रा हनीन जाफ़र, यूएन मुख्यालय में अरबी भाषा के एक अनुवादक काइस जरकास, और पश्चिमी एशिया के लिए यूएन आर्थिक व सामाजिक आयोग में एक अरबी परिशोधक मुस्तफ़ा दराग़मा.
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आपकी आसानी के लिए, आधिकार पुरस्कार समारोह की वीडियो कवरेज यहाँ उपलब्ध है.