राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा कि अगर भारत की सीमाएं और सुरक्षित तथा स्पष्ट होतीं तो भारत ने अधिक तेजी से तरक्की की होती। डोभाल ने साथ ही बताया कि कि पिछले 10 वर्षों में देश की ताकत तेजी से बढ़ी है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 21वें अलंकरण समारोह पर आयोजित रुस्तमजी मेमोरियल व्याख्यान में अपने संबोधन में डोभाल ने कहा कि अगर ‘‘हमारे पास अधिक सुरक्षित सीमाएं होतीं’’ तो भारत की आर्थिक प्रगति बहुत तेजी से होती। उन्होंने कहा, ‘‘निकट भविष्य में मुझे नहीं लगता कि हमारी सीमाएं उतनी सुरक्षित होगीं जितनी हमें तेज आर्थिक विकास के लिए चाहिए। इसलिए सीमाओं की रक्षा करने वाले बलों पर जिम्मेदारी बहुत ज्यादा है। उन्हें चिरकाल तक सातों दिन चौबीसों घंटे सतर्क रहना है। उन्हें यह देखना है कि हमारे राष्ट्रीय हित और देश सुरक्षित है।’’
डोभाल ने बताया कैसे पीएम मोदी ने बॉर्डर पर मनाई दिवाली
इस दौरान डोभाल ने यह भी कहा कि पीएम मोदी हर साल बॉर्डर पर जवानों के साथ दिवाली मनाते हैं। बता दें कि पीएम मोदी पिछले साल दिवाली मनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के लेप्चा पहुंचे थे जहां उन्होंने सुरक्षा बलों के साथ दिवाली मनाई थी। हालांकि यह पहली बार नहीं था कि पीएम मोदी सुरक्षा बलों और जवानों के बीच दिवाली मनाने पहुंचे थे। प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से हर साल नरेंद्र मोदी अपनी दिवाली इन्हीं लोगों के साथ मनाते हैं। इस दौरान वह जवानों को मिठाई खिलाते हैं, साथ ही उनका हौसला भी बढ़ाते हैं। इसके अलावा वह सैनिकों की सुरक्षा की कामना करते हुए एक दीया भी जलाते हैं।
‘जमीन पर जो कब्जा है वो अपना है बाकी सब अदालत और कचहरी का काम’
NSA ने आगे कहा कि सीमाएं अहम हैं क्योंकि ‘‘वे हमारी संप्रभुता परिभाषित’’ करती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जमीन पर जो कब्जा है वो अपना है बाकी तो सब अदालत और कचहरी का काम है, उससे फर्क नहीं पड़ता।’’ डोभाल ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने पिछले 10 वर्ष में सीमा सुरक्षा पर बहुत अधिक ध्यान दिया है और इस अवधि में ‘‘हमारी व्यापक राष्ट्रीय शक्ति बहुत बढ़ी है।’’ उन्होंने कहा कि भारत तेजी से बदल रहा है और अगले दस वर्ष में ‘‘ हम दस हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।’’ डोभाल ने इसे ‘‘अहम उपलब्धि’’ करार दिया।
‘जो देश दूसरों से हथियार मंगाता था, उसने अब निर्यात किया’
उन्होंने कहा कि भारत के पास सबसे बड़े कार्यबलों में से एक होगा और यह उच्च प्रौद्योगिकी कृत्रिम मेधा, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग और रक्षा एवं सुरक्षा विनिर्माण के क्षेत्रों का गढ़ होगा। डोभाल ने कहा कि जो देश दूसरे देशों से हथियार मंगाता था उसने 31 मार्च तक 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के हथियारों का निर्यात किया और इस प्रकार से यह सरकार की आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्भर भारत की नीति के कारण एक बड़े निर्यातक के रूप में उभरा।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि इस बदलते हुए भारत में कुछ हद तक समृद्धि सुरक्षा की गारंटी है और कई बड़े क्षेत्रों में संवेदनशीलता बढ़ाती है। उन्होंने कहा, ‘‘ ये सभी राष्ट्रीय शक्ति के घटक हैं या जिसे चीनी व्यापक राष्ट्रीय शक्ति कहते हैं। आपकी अर्थव्यवस्था, आपका भौगोलिक विस्तार, आपकी भू-रणनीतिक स्थिति, रक्षा बल, तकनीकी उपलब्धियां और भारत की व्यापक राष्ट्रीय शक्ति काफी अधिक होगी।’’
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