शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। पहले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा और अब सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सीएम सुक्खू ने खुद कहा है कि कांग्रेस के 6 विधायकों ने अपना ईमान बेचा है। जब कोई ईमान बेच दे तो हम क्या कर सकते हैं। अब सिर्फ 34 विधायक हमारे साथ हैं। उन्होंने नैतिकता और चरित्र का परिचय दिया है।
कांग्रेस के बागी विधायकों ने रखी ये मांग
कांग्रेस के बागी विधायकों ने मांग की है कि राज्य का सीएम बदला जाए। इन विधायकों ने अपनी बात कांग्रेस अलाकमान तक पहुंचाई है। डीके शिव कुमार और भूपेंद्र हुड्डा को हिमाचल प्रदेश में चल रहे राजनीतिक गतिरोध को सुलझाने की जिम्मेदारी दी गई है। ये जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।
हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में क्या हुआ?
हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में बहुत बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन की जीत हुई है। वहीं कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई है। दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले।लेकिन टॉस के जरिए बीजेपी जीत गई।
सीएम सुक्खू ने लगाए गंभीर आरोप
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस के 5 से 6 विधायकों को अगवा कर लिया गया और उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और हरियाणा पुलिस के काफिले में साथ ले जाया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि इन विधायकों के परिजन उनसे (विधायकों से) संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। ‘क्रॉस वोटिंग’ (पार्टी व्हिप से हटकर मतदान करने) को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में जारी चिंताओं के बीच राज्य से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए मतदान खत्म होने के कुछ घंटे बाद यह आरोप लगाया गया है। सुक्खू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भाजपा गुंडागर्दी में लिप्त है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
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