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रूस से, यूक्रेन के ऊर्जा ढाँचे पर हमले रोके जाने का आग्रह

रूस से, यूक्रेन के ऊर्जा ढाँचे पर हमले रोके जाने का आग्रह

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रवक्ता जैरेमी लॉरेंस ने जिनीवा में कहा कि यूक्रेन के बिजली नैटवर्क पर इस सप्ताह बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमलों ने, सर्दियों में पहले से ही कठिनाई और दुख का सामना कर रहे लोगों की दुर्दशा के बारे में गम्भीर चिन्ताएँ बढ़ा दी हैं.

रूस ने गुरूवार को यूक्रेन में मिसाइल और लम्बी दूरी के ड्रोन हमले किए थे, जिनसे राजधानी कीव के अलावा कम से कम 13 क्षेत्रों में नुक़सान होने की ख़बरें मिली हैं.

इन हमलों के कारण बिजली आपूर्ति ठह होने से, पूरे यूक्रेन में, दस लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और कुछ क्षेत्रों में पानी और परिवहन जैसी ज़रूरी सेवाएँ बाधित हुई हैं.

हमले निरन्तर जारी

प्रवक्ता जैरेमी लॉरेंस ने बताया कि मार्च से ही यूक्रेन की ऊर्जा उत्पादन क्षमता पर रूसी हमले होते रहे हैं, जिससे आम लोगों को ऐसा व्यापक नुक़सान है जिसका पहले ही अनुमान लगाया जा सकता है.”

वृद्ध जन, कम आय वाले परिवार, विकलांग व्यक्ति और आन्तरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (IDPs) सहित सबसे निर्बल हालात वाले लोग, विशेष रूप से जोखिम में हैं.

प्रवक्ता ने कहा, “तापमान जैसे-जैसे शून्य से नीचे गिरता है और तापमान में आगे भी यह गिरावट जारी रहने की सम्भावना है, तो बिजली और बिजली पर निर्भर सेवाएँ, नागरिक आबादी के अस्तित्व के लिए और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाती हैं.”

जैरेमी लॉरेंस ने कहा कि हालाँकि हाल ही में हुए हमलों का पूरा असर समय के साथ ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन (HRMMU) ने ऐसे हमलों के बाद लगातार निगरानी की है.

कर्मचारी बिजली उत्पादन, जल वितरण, तापन और गर्म पानी, सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभावों का आलेखन कर रहे हैं.

जाँच की पुकार

उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने दोहराया है कि यूक्रेन के ऊर्जा ढाँचे को नुक़सान पहुँचाने या नष्ट करने के सैन्य अभियान के कई पहलू, “रूसी सेना द्वारा युद्ध के संचालन में सैन्य व नागरिक ठिकानें अन्तर किए जाने, सावधानी बरतने और बल प्रयोग में आनुपातिकता के अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के प्रमुख सिद्धान्तों का सम्मान किए जाने के बारे में गम्भीर चिन्ताएँ उत्पन्न करते हैं.”

यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने ज़ोर देकर कहा कि बार-बार होने वाले इन व्यवस्थित हमलों की जाँच होनी चाहिए, और गम्भीर उल्लंघनों के लिए ज़िम्मेदार पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

प्रवक्ता जैरेमी लॉरेंस ने कहा, “हम रूसी संघ से यूक्रेन के ऊर्जा ढाँचे पर सभी हमलों को तुरन्त रोकने, सभी ग़ैरक़ानूनी हमलों के लिए जवाबदेही निर्धारित किए जाने, और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से यूक्रेन को अपनी ऊर्जा प्रणालियों की मरम्मत और बहाली के लिए समर्थन को प्राथमिकता देने का फिर से आहवान करते हैं.”

परमाणु संयंत्रों पर प्रभाव

इस बीच अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने गुरूवार को बताया है कि यूक्रेन के तीन चालू परमाणु ऊर्जा संयंत्रों ने रूसी हमलों के बाद अपने बिजली उत्पादन को कम कर दिया. दो सप्ताह में ऐसा दूसरी बार हुआ है.

IAEA के महानिदेशक राफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने कहा, “यूक्रेन का ऊर्जा बुनियादी ढाँचा बेहद नाज़ुक और कमज़ोर है, जिससे परमाणु सुरक्षा बहुत जोखिम में है.”

उन्होंने कहा, “मैं एक बार फिर प्रमुख परमाणु ऊर्जा सुविधाओं वाले क्षेत्रों और उन अन्य स्थानों पर अधिकतम सैन्य संयम बरते जाने का आहवान करता हूँ, जिन पर वे क्षेत्र निर्भर हैं.”

परमाणु जोखिम को टालें

हालाँकि परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को सीधे नुक़सान की कोई ख़बर नहीं है, फिर भी यूक्रेन ने IAEA को सूचित किया कि हमलों ने एक बार फिर बिजली के अनेक उप-केन्द्रों को प्रभावित किया है.

IAEA द्वारा परमाणु सुरक्षा और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण के रूप में पहचाने गए ये उप-केन्द्र पिछले हमलों में क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.

रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र एजेंसी परमाणु, सुरक्षा और सुरक्षा के लिए आवश्यक सुविधाओं व बिजली लाइनों को हुए नुक़सान की सीमा का आकलन करना जारी रखेगी.

उन्होंने कहा, “आईएईए इस दुखद युद्ध के दौरान परमाणु दुर्घटना के जोखिम को कम करने के लिए अपनी पूरी शक्ति से प्रयास करता रहेगी.”

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