विश्व

उत्तरी ग़ाज़ा में हर तरफ़ फैली है मृत्यु-गन्ध, UNRWA प्रमुख

उत्तरी ग़ाज़ा में हर तरफ़ फैली है मृत्यु-गन्ध, UNRWA प्रमुख

UNRWA प्रमुख फ़िलिपे लज़ारिनी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि एजेंसी के कर्मचारियों ने ख़बर दी है कि उन्हें भोजन, पानी और चिकित्सा देखभाल उपलब्ध नहीं हैं.

‘मौत का इन्तज़ार करने को बेबस’

फ़िलिपे लज़ारिनी ने बताया कि इसराइली अधिकारी, शवों को हटाने या मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए चलाए जा रहे मिशनों को अनुमति नहीं दे रहे हैं.

उन्होंने कहा, “उत्तरी ग़ाज़ा में, लोग बस मौत की प्रतीक्षा कर रहे हैं. वो ख़ुद को बेसहारा, हताश और अकेले पा रहे हैं. वो बस लम्हों और घंटों में जीवित हैं और उन्हें किसी भी पल मौत आ जाने का डर है.”

परिवारों को सुरक्षित निकलने दें

फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा कि युद्ध जारी रहने के दौरान पूरे समय, एजेंसी के कुछ कर्मचारी उत्तरी ग़ाज़ा में मुस्तैद रहे और विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए, लगभग असम्भव कार्रवाई की. 

इस दौरान एजेंसी की इमारतों पर, इसराइल की भीषण बमबारी और हमलों के बावजूद, UNRWA के कुछ आश्रय स्थल खुले रहे.

उन्होंने कहा, “मैं, उत्तरी ग़ाज़ा में अपने स्टाफ़ की तरफ़ से, तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने की मांग करता हूँ, चाहे वो कुछ घंटों के लिए ही हो, ताकि उन परिवारों को सुरक्षित रास्ता दिया जा सके, जो उस इलाक़े से बाहर निकलना चाहते हैं और सुरक्षित स्थानों पर पहुँचना चाहते हैं.”

“उन लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिए, इतना तो कम से कम किया ही सकता है, जिनका इस युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है.”

मलबे के नीचे फँसे

संयुक्त राष्ट्र के राहत समन्वय मामलों की एजेंसी – OCHA ने बताया है कि जबालिया के फ़लूजा इलाक़े में, लोग पाँच दिन से मलबे में फँसे हुए हैं.

ग़ाज़ा में मौजूद OCHA की एक अधिकारी ग्लोरिया लैज़िक ने बताया, “वहाँ जाकर उन लोगों की मदद करने की हमारी गुहार को, इसराइली अधिकारियों ने बार-बार अस्वीकार कर दिया है.”

तीन परिवारों के 40 से अधिक लोग, मलबे में फँसे बताए गए हैं, और “हम नहीं जानते कि जब हमें वहाँ जाकर मदद करने कि अनुमति मिलेगी तो उनमें से कितने लोग जीवित बच पाएंगे.”

ग्लोरिया ने ज़ोर देकर कहा, “हर एक मिनट की बहुत अहमियत है.”

मानवीय सहायता बढ़ाएँ, सुरक्षा स्थिति बेहतर करें

ग़ाज़ा में युद्ध के कारण बड़े पैमाने पर आवश्यक चीज़ों की कमी हो गई है और लगभग पूरी आबादी मानवीय सहायता पर निर्भर है.

इस बीच मध्य पूर्व के लिए विशेष दूत टोर वैनेसलैंड ने मंगलवार को ग़ाज़ा का दौरा किया है जहाँ उन्होंने युद्ध के कारण हो रही भारी तबाही और लोगों की तकलीफ़ों को अपनी आँखों से देखा और जायज़ा लिया है.

टोर वैनेसलैंड ने यूएन कर्मचारियों और ग़ैर-सरकारी संगठनों के साथ मुलाक़ातें की हैं जिन्होंने उन्हें, पूरे ग़ाज़ा पट्टी क्षेत्र में बहुत असुरक्षित हो चुके हालात और मानवीय स्थिति के बारे में जानकारी दी. विशेष रूप से उत्तरी ग़ाज़ा में हालात बहुत दयनीय हैं.

विशेष दूत ने कहा कि ग़ाज़ा में लोगों को जिन चुनौतियों का सामना करन पड़ रहा है, उनका दायरा बहुत विशाल है और उनमें अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के गम्भीर उल्लंघन भी शामिल हैं. ग़ाज़ा में लोगों को भोजन, चिकित्सा सामग्री और संरक्षण की सख़्त ज़रूरत है.

टोर वैनेसलैंड ने कहा, “मानवीय सहायता की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी और सुरक्षा स्थिति को बेहतर बनाए जाने की तत्काल सख़्त ज़रूरत है.”

विशेष दूत ने दोहराया कि यूएन महासचिव ने तुरन्त युद्धविराम लागू किए जाने और हमास की हिरासत में रखे गए बन्धकों की तत्काल रिहाई की पुकार दोहराई है.

टोर वैनेसलैंड ने कहा, “मैं सभी सम्बद्ध पक्षों से इन सभी लक्ष्यों पर तुरन्त अमल करने की पुकार लगाता हूँ. ग़ाज़ा फ़लस्तीन का अभिन्न हिस्सा है. अन्ततः ग़ाज़ा स्थिति का कोई भी समाधान राजनैतिक ही हो सकती है.”

Source link

Most Popular

To Top