बड़े निवेशक जी एंटरटेनमेंट के शेयरों में एक बार से ज्यादा धोखा खा चुके हैं। इसके बावजूद वे कम प्राइस पर इस स्टॉक में निवेश करने से बाज नहीं आते हैं। मशूहर वैल्यू इनवेस्टर होवार्ड मार्क्स ने कहा था कि हर स्टॉक में किसी एक खास प्राइस पर वैल्यू होती है। दलाल स्ट्रीट के कुछ बड़े इनवेस्टर्स इस बात से सहमत हैं। यह साफ नहीं है कि जी के संभावित खरीदार के सामने आने के बाद वे स्टॉक्स पर फिलहाल दांव लगा रहे हैं या नहीं। पिछले दो हफ्ते में यह स्टॉक 15 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। बताया जाता है कि मिडकैप मुगल ने इसमें बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है। पीएमएस फंडों में कैलकुलेटर फंड ने खरीदारी की है।
बढ़ रहा बॉयोकॉन पर भरोसा
Biocon के स्टॉक्स में दलाल स्ट्रीट के दो बड़े इनवेस्टर्स के निवेश करने के बाद इस शेयर पर भरोसा करने वाले इनवेस्टर्स की संख्या बढ़ रही है। यह स्टॉक अपने 19 महीने के हाई पर चल रहा है। पिछले कुछ समय से इसमें सामान्य से ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम दिखा है। एक बड़े कॉर्पोरेट हाउस से अपने करीबी रिश्ते के लिए जाने जाने वाल एंपेरर ब्रोकिंग फर्म इस स्टॉक के बड़े निवेशकों में से एक है। यह पता नहीं है कि यह ब्रोकिंग फर्म किसके लिए यह खरीदारी कर रही है।
दीपक नाइट्रेट को संभालने में छूटे बुल्स के पसीने
दीपक नाइट्रेट के बुल्स ऑपरेटरों को इस स्टॉक के प्राइसेज को हाई लेवल पर बनाए रखने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। मार्च के मध्य से लेकर मई के मध्य के बीच यह स्टॉक करीब 28 फीसदी चढ़ा है। इसकी वजह यह चर्चा है कि बेस केमिकल्स के लिए आउटलुक बेहतर हो रहा है। घरेलू फंड भी इस स्टॉक में पिछले कुछ समय से दिलचस्पी दिखा रहे हैं। लेकिन, उनकी खरीदारी इतनी ज्यादा नहीं है कि इस शेयर की रीरेटिंग की जरूरत पड़े।
दूसरी छमाही में स्थिति सुधरने की उम्मीद
दीपक नाइट्रेट के मार्च तिमाही के नतीजे बहुत अच्छे नहीं रहे। कंपनी ने कहा है कि उसे इस साल की दूसरी छमाही में स्थितियां बेहतर होने की उम्मीद है। इस स्टॉक के कमजोर प्रदर्शन को देखते हुए कुछ निवेशक हर तेजी पर मुनाफा बुक कर रहे हैं। आम तौर पर किसी कंपनी की अर्निंग्स बढ़ने की स्थिति में दो हफ्ते पहले ही मार्केट पर उसका असर पड़ने लगता है। लेकिन, केमिकल स्टॉक्स को देखकर ऐसा लगता है कि कई बार धोखा खाने के बाद अब निवेशक सावधानी बरत रहे हैं। इस स्टॉक में 2400 के स्ट्राइक पर काफी ज्यादा कॉल राइटिंग हुई है। इससे ऐसा लगता है कि कम से कम करेंट एक्सपायरी तक यह स्टॉक दबाव में रह सकता है।