ये ग्रीनहाउस गैस बुलेटन, नवम्बर के अन्तिम सप्ताह में, दुबई में होने वाले, यूएन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP28) से लगभग दो सप्ताह पहले प्रकाशित हुआ है.
ध्यान दिलाने की बात है कि ग्रीनहाउस गैसों के अधिकतर उत्सर्जन के लिए, कोयला, तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन ज़िम्मेदार हैं, जो गर्मी को सोख़ लेते हैं, और उससे वैश्विक तापमान वृद्धि और जलवायु परिवर्तन होता है.
वर्ष 2022 में, सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस – कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) की वैश्विक औसत एकाग्रता, पूर्व औद्योगिक युग के स्तर से पूरी 50 प्रतिशत अधिक थी, जिसके कारण यह इस तरह की प्रथम वृद्धि थी, जोकि वर्ष 2023 में भी जारी रही है.
ग़लत रास्ते पर
इस बीच तीसरी मुख्य गैस – नाइट्रस ऑक्साइड की एकाग्रता भी बढ़ोत्तरी हुई है, और इसके स्तरों में, वर्ष 2021 से 2022 तक, साल-दर-साल उच्चतम रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है.
WMO के महासचिव पैटेरी टालस का कहना है, “वैज्ञानिक समुदाय की तरफ़ से दशकों से दी जा रही चेतावनियों, हज़ारों पन्नों की अनेक रिपोर्टों और दर्जनों जलवायु सम्मेलनों के बावजूद, हम अब भी ग़लत रास्ते पर चल रहे हैं.”
उन्होंने कहा कि मौजूदा चलन, हमें इस सदी के अन्त तक, पेरिस जलवायु समझौते में निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक तापमान वृद्धि के रास्ते पर आगे ले जा रहा है. पेरिस जलवायु समझौते में, वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सैल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा गया है.
तात्कालिकता का एक मामला
इस स्थिति के परिणामस्वरूप देश, अत्यन्त चरम मौसम का अनुभव करेंगे, जिसमें सघन गर्मी और भारी बारिश, बर्फ़ का पिघलाव, समुद्र जल स्तर में वृद्धि और समुद्र तापमान वृद्धि व अम्लीकरण शामिल होंगे.
पैटेरी टालस ने आगाह करते हुए कहा, “सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय लागतें बढ़ेंगी. हमें जीवाश्म ईंधन का उपभोग, एक आपात तात्कालिकता के रूप में रोकना होगा.”
WMO ने बताया है कि कार्बन डाइ ऑक्साइड उत्सर्जनों का केवल लगभग आधा हिस्सा, वातावरण में बना रहता है, जबकि लगभग एक तिहाई हिस्से को, समुद्र सोख लेते हैं. उसके अलावा लगभग 30 प्रतिशत हिस्से को, पृथ्वी की पारिस्थितिकी व्यवस्थाएँ सोखती हैं, जिनमें जंगल इत्यादि प्रमुख हैं.
कोई जादुई छड़ी नहीं
रिपोर्ट कहती है कि जब तक उत्सर्जन जारी रहेंगे, तब तक वातावरण में, कार्बन डाइ ऑक्साइड की एकाग्रता जारी रहेगी, जिससे वैश्विक तापमान वृद्धि होगी. उससे भी अधिक, इसकी लम्बी जीवन अवधि को देखते हुए, पहले ही अनुभव की गई तापमान वृद्धि, अनेक दशकों तक क़ायम रहेगी, यहाँ तक कि अगर उत्सर्जन नैट शून्य तक भी कम कर दिए जाएँ तो भी.
पैटेरी टालस का कहना है, “वातावरण से अत्यधिक कार्बन डाइ ऑक्साइड को हटा देने के लिए, कोई जादुई छड़ी मौजूद नहीं है.”
WMO द्वारा वर्ष 2023 के आरम्भ में शुरू किए गए एक कार्यक्रम (Global Greenhouse Gas Watch) में, ग्रीनहाउस गैसोंकी एकाग्रता की टिकाऊ और नियमित वैश्विक निगरानी सुनिश्चित करने, और जलवायु परिवर्तन के बारे में समझ बेहतर करने और और उसके प्रभाव कम करने की कार्रवाई को समर्थन देने का लक्ष्य रखा गया है.
