तपैदिक को दुनिया भर में अत्यधिक संक्रामक बीमारियों में से एक माना जाता है. इसके उन्मूलन के लिए स्वीकृत इस नए टैस्ट का नाम है – Xpert MTB/RIF Ultra.
यह परीक्षण, संदिग्ध संक्रमण वाले लोगों की लार में टीबी का कारण बनने वाले जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्यूलोसिस के आनुवंशिक चिन्हों का पता लगाने के लिए, आणविक विश्लेषण का उपयोग करता है.
यह टैस्ट, संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) से “पूर्व स्वीकृति” का दर्जा प्राप्त करने वाला पहला ऐसा परीक्षण है.
इसका मतलब है कि यह परीक्षण कठोर गुणवत्ता जाँच पर खरा उतरा है और अब देशों की सरकारें और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ, इस परीक्षण को, टीबी उन्मूलन के अपने प्रयासों के हिस्से के रूप में ख़रीद सकती हैं.
who के सहायक महानिदेशक डॉक्टर युकिको नाकातानी ने कहा, “टीबी के लिए उपचार परीक्षण की यह पहली “पूर्व स्वीकृति” महत्वपूर्ण पड़ाव है.”
उन्होंने कहा, “यह दुनिया की सबसे घातक संक्रामक बीमारियों में से एक टीबी से निपटने में ऐसे अभूतपूर्व उपचार उपकरणों के महत्व को रेखांकित करता है.”
त्वरित नतीजे
WHO का कहना है कि इस परीक्षण की मदद से, सटीक परिणाम “कुछ ही घंटों में” मिलने की उम्मीद की जा सकती है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने साथ ही यह भी कहा है कि प्रौद्योगिकी, परीक्षण किए जाने के दौरान ही पीड़ितों की लार में ऐसे आनुवंशिक उत्परिवर्तन (Mutations) की भी पहचान कर सकती है जो Rifampicin जैसी, पहली पंक्ति की टीबी दवाओं के प्रतिरोध से जुड़े हैं.
यह परिणाम डॉक्टरों को, रोगियों को वैकल्पिक, “दूसरी पंक्ति” उपचार प्रदान करने में मदद करेगा – हालांकि वे अधिक महंगे हैं. इनमें Bedaquiline और Fluoroquinolones प्रमुख हैं.
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा, “यह टैस्ट दरअसल उन रोगियों के लिए है जो जाँच में फुफ्फुसीय तपेदिक (pulmonary tuberculosis) से संक्रमित पाए जाते हैं और जिन्होंने या तो तपेदिक निरोधक उपचार शुरू नहीं किया है या पिछले छह महीनों में तीन दिनों से कम चिकित्सा प्राप्त की है.”
तपेदिक दुनिया की प्रमुख संक्रामक बीमारियों में से एक है, जो हर साल, दस लाख से अधिक लोगों की मौतों का कारण बनती है.
हालाँकि इस बीमारी की रोकथाम सम्भव है, मगर यह बीमारी एक ऐसा पुराना बोझ है जो मुख्य रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक होती है.
WHO ने ज़ोर देकर कहा कि टीबी का सटीक और प्रारम्भिक स्तर पर ही पता लगाना, एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकता बनी हुई है.
डब्ल्यूएचओ के विनियमन और पूर्व स्वीकृति विभाग के निदेशक डॉक्टर रोजेरियो गैस्पर का कहना है, “उच्च गुणवत्ता वाले नैदानिक परीक्षण, प्रभावी टीबी स्वास्थ्य देखभाल और रोकथाम की आधारशिला हैं.”
उनका कहना है कि इस तरह के परीक्षणों की पूर्व स्वीकृति से, अत्याधुनिक तकनीकों तक सभी लोगों की समान पहुँच का मार्ग प्रशस्त होता है, जिससे देशों को, टीबी और दवा प्रतिरोधी टीबी के दोहरे बोझ से निपटने में मदद मिलती है.
डब्ल्यूएचओ इस समय, इस बीमारी के लिए गुणवत्ता-आश्वासन वाली परीक्षण तकनीक तक पहुँच बढ़ाने के प्रयास में, सात अतिरिक्त टीबी परीक्षणों का मूल्यांकन कर रहा है.