यह सहमति, विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) के शनिवार को जिनीवा में सम्पन्न हुए 77वें सत्र में बनी, जिसमें एक वैश्विक महामारी समझौते पर चल रही बातचीत को, अधिकतक एक वर्ष के भीतर अन्तिम रूप देने के लिए भी प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है.
संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने इस सत्र के अन्तिम दिन शनिवार को, अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों (IHR) में कुछ महत्वपूर्ण संशोधन भी पारित किए हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि इन क़दमों से, भविष्य में फैलने वाली महामारियों की स्थिति में, सभी देशों में हर जगह सभी को संरक्षण मुहैया कराने के लिए, व्यापक और ठोस प्रणालियों की मौजूदगी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस घेरबेयेसस ने कहा है कि इस सत्र में लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों में देशों द्वारा अपने ख़ुद के नागरिकों और दुनिया भर की आबादी को, भविष्य की स्वास्थ्य आपदाओं और महामारीयों के साझे जोखिम से सुरक्षित रखने में, सदस्य देशों की एक साझा इच्छा नज़र आती है.”
उन्होंने कहा, “ये (निर्णय) समानता के प्रतिबद्धता और इस समझ पर निर्मित है कि स्वास्थ्य जोखिम, देशों की सीमाओं को नहीं पहचानते है और (उनका मुक़ाबला करने के लिए) पूर्व तैयारी एक सामूहिक प्रयास है.”
महामारी समझौता
देशों के बीच, प्रस्तावित महामारी समझौते पर वार्ता में, भविष्य की महामारियों का मुक़ाबला करने के लिए, रोकथाम, तैयारी व प्रतिक्रिया में राष्ट्रीय समन्वय, सहकारिता और समानता को बेहतर बनाने पर भी रज़ामन्दी हुई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने दिसम्बर 2021 में स्थापित की गई अन्तर-सरकार वार्ता संस्था (INB) का शासनादेश बढ़ाने का भी निर्णय लिया है. इस संस्था की ज़िम्मेदारी एक महामारी समझौते पर हो रही बातचीत को, विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा एक वर्ष के भीतर यानि 2025 तक या उससे भी पहले सम्पन्न कराने की है.
डॉक्टर टैड्रॉस ने, विश्व स्वास्थ्य सभा के इस सत्र के अन्तिम दिन प्रतिनिधियों के कठिन प्रयासों की सराहना की.
उन्होंनै कहा, “हम महामारी समझौते की दिशा में आगे बढ़ने के मार्ग पर सहमत हुए हैं, और मुझे विश्वास है कि आप इसे मंज़िल तक पहुँचाएंगे.”
विश्व स्वास्थ्य सभा की यह बैठक 27 मई से 1 जून तक जिनीवा में आयोजित हुई जिसकी थीम थी – सबकुछ स्वास्थ्य के लिए, सर्वजन के लिए स्वास्थ्य.
अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों (IHR) में संशोधन
अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों में जो संशोधन किए गए हैं उनमें महामारी का रूप लेने वाली स्वास्थ्य घटनाओं के मामलों में असरदार अन्तरराष्ट्रीय त्वरित सहयोग शुरू करने की ख़ातिर, महामारी आपदा की परिभाषा शामिल किया जाना भी है.
यह परिभाषा, मौजूदा अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियम प्रणालियों को बुनियाद बनाकर चेतावनी का स्तर बढ़ाती है, मसलन अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा का निर्धारण.
इनके अतिरिक्त इन संशोधनों में चिकित्सा उत्पादों की उपलब्धता में एकजुटता व समता और एक समन्वित वित्तीय प्रणाली बनाकर, उन उत्पादों के लिए धन का प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाने पर भी ज़ोर दिया गया है.
इस प्रणाली का उद्देश्य, विकासशील देशों में महामारी की रोकथाम, उसका मुक़ाबला करने की तैयारी और प्रतिक्रिया में, वित्तीय ज़रूरतों की शिनाख़्त करके वित्त का इन्तेज़ाम करने में, उनकी मदद करना है.
अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियम(IHR), क़ानूनी रूप से एक बाध्यकारी एक ऐसा अन्तरराष्ट्रीय दस्तावेज़ है, जिसमें देशों की सीमाओं से भी परे असर डालने वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य घटनाओं और आपदाओं का प्रबन्धन करने में, देशों की ज़िम्मेदारियों को निर्धारित किया गया है.
इन नियमों का जो संस्करण इस समय मौजूद है उसे पिछली बार लगभग 20 वर्ष पहले यानि, 2005 में नवीनीकृत किया गया था.