34 साल के हवलदार रामभजन ने बताया कि वह 2009 में बतौर सिपाही दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। 2012 में उनकी शादी हुई। उनकी पत्नी का नाम अंजलि है और बच्चों में सुहानी और कृति हैं। परिवार गांव में ही रहता है। वह दिल्ली में अकेले ही रहते हैं। दिल्ली पुलिस में नौकरी करते-करते उनके मन में खयाल आया कि इस सेवा को और आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इसके लिए यूपीएससी से बेहतर और कोई प्लैटफॉर्म नहीं हो सकता। उन्होंने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी। 2015 से अब तक उन्होंने लगातार 8 अटेंप्ट किए। अब उनके पास आखिरी 9वां अटेंप्ट बचा है। इसे भी वह और अच्छी रैंक लाने की कोशिश के लिए करेंगे। इसका पेपर अभी 28 मई को ही है।
पुलिस ड्यूटी करने के दौरान यूपीएससी की तैयारी कैसे की? इसके जवाब में उन्होंने बताया कि अपनी ड्यूटी के बाद जब भी उन्हें समय मिलता था। वह पढ़ाई करते थे। वह हर दिन 6 से 7 घंटे पढ़ते थे। तैयारी के लिए उन्होंने कंप्यूटर भी सीखा। 2015 में एक बार कोचिंग ली थी। इसके बाद फिर कभी कोचिंग नहीं ली। खुद से पढ़ाई करके ही इस बार यूपीएससी क्लियर किया। अभी तक वह पुलिस की नौकरी से भी खुश हैं और अब यूपीएससी में मिली 667 रैंक से भी खुश हैं। उन्होंने कहा कि आखिरी कोशिश में अगर उनकी रैंक और अच्छी हो जाए तो इसमें कोई बुराई नहीं है। इसलिए, वह अपना लास्ट अटेंप्ट जरूर देंगे। तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने के लिए उन्होंने दिल्ली पुलिस डिपार्टमेंट का भी शुक्रिया अदा किया।

