UP Loksabha Chunav 2024: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सुलतानपुर (Sultanpur) की सांसद मेनका गांधी (Maneka Gandhi) ने सोमवार को कहा कि उनका चुनाव लड़ना तो तय था, लेकिन संसदीय क्षेत्र तय करने के कारण घोषणा में देरी हुई। सुलतानपुर से दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रत्याशी बनाये जाने के बाद यहां पहुंची मेनका गांधी ने उनकी उम्मीदवारी घोषित होने में देरी होने के सवाल पर पत्रकारों से कहा, “मेरा चुनाव लड़ना तय था, लेकिन किस क्षेत्र से लड़ना है, इसी को लेकर देरी हुई।”
दरअसल, एक मौका छोड़कर सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र का यह इतिहास रहा है कि यहां दूसरी बार कोई चुनाव नहीं जीता। सिर्फ डीबी राय सुलतानपुर में (1996 और 1998) लगातार दो बार BJP से निर्वाचित हुए थे।
उन्होंने कहा, “मैं दोबारा सुलतानपुर से BJP की प्रत्याशी हूं, इसके लिए मैं पार्टी अध्यक्ष व प्रधानमंत्री जी और यहां के सभी विधायकगण की आभारी हूं। दोबारा (उम्मीदवार बनकर) सुलतानपुर आई हूं, इस बात को लेकर मैं बहुत खुश हूं।”
बीमार हैं वरुण गांधी
यह पूछे जाने पर कि क्या वरुण गांधी उनके चुनाव का संचालन करेंगे, मेनका गांधी ने कहा, “इस समय वरुण गांधी और उनकी पत्नी बीमार हैं, इसलिए वह आराम कर रहे हैं।”
रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में वरुण के मैदान में उतरने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं भाजपा में हूं, दूसरी पार्टी ( कांग्रेस) की नेता नहीं, जो उसके बारे में आपको जानकारी दूं।”
इससे पहले पीलीभीत लोकसभा सीट से इस बार टिकट न मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को एक भावुक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा है कि पीलीभीत के लोगों के साथ उनका रिश्ता आखिरी सांस तक रहेगा।
बृहस्पतिवार को लिखे गए इस पत्र को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर शेयर करते हुए वरुण ने कहा कि एक सांसद के रूप में उनका कार्यकाल भले ही खत्म हो रहा हो मगर पीलीभीत से उनका रिश्ता आखिरी सांस तक रहेगा।
BJP ने महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ कई बार मुखर रहे वरुण गांधी का टिकट काटकर उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री और पूर्व सांसद जितिन प्रसाद को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया है। जितिन प्रसाद ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।