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UNRWA पर स्वतंत्र समीक्षा पैनल की अन्तिम रिपोर्ट जारी

UNRWA पर स्वतंत्र समीक्षा पैनल की अन्तिम रिपोर्ट जारी

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जनवरी 2024 में, इसराइल द्वारा UNRWA के कुछ कर्मचारियों के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों के बाद इस स्वतंत्र समीक्षा पैनल का गठन किया था.

इस पैनल को, UNRWA में तटस्थता के मानवतावादी सिद्धान्त के अनुपालन की सुनिश्चितता निर्धारित करने के लिए, इसकी प्रणालियों और प्रक्रियाओं की स्वतंत्र समीक्षा करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी.

ग़ौरतलब है कि 1949 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा गठित UNRWA में लगभग 30 हज़ार लोग काम करते हैं, जो पश्चिमी तट, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया और युद्धग्रस्त ग़ाज़ा में, लगभग 59 लाख लोगों को जीवनरक्षक सहायता मुहैया कराते हैं.

इस स्वतंत्र पैनल ने यह रिपोर्ट सप्ताहान्त के दौरान यूएन प्रमुख को सौंपी.

इस पैनल की अन्तिम रिपोर्ट मे कहा गया है, “इसराइल ने ये सार्वजनक दावे किए थे कि बड़ी संख्या में UNRWA के कर्मचारी, आतंकवादी संगठनों के सदस्य हैं. अलबत्ता, इसराइल ने अभी तक इन दावों के समर्थन में कोई सबूत उपलब्ध नहीं कराए हैं.“

पैनल की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट में पाया गया है कि UNRWA में, इसके कामकाज के दौरान तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रक्रियाएँ और उपकरण मौजूद हैं और ये एजेंसी अपने कर्मचारियों की सूची, नियमित रूप से इसराइल को मुहैया कराती है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि “इसराइल सरकार ने इन सूचियों के आधार पर वर्ष 2011 के बाद से, UNRWA के स्टाफ़ के बारे में इस एजेंसी को किसी भी तरह की चिन्ता से अवगत नहीं कराया है.”

UNRWA के नियम हैं काफ़ी विस्तृत

यूएन सहायता एजेंसियाँ, ग़ाज़ा के रफ़ाह इलाक़े में, खाद्य सामग्री वितरित करते हुए.

© UNRWA/Mohammed Hinnawi

इस समीक्षा पैनल की अध्यक्ष और फ़्रांस की पूर्व विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने, सोमवार को रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद यूएन मुख्यालय में कहा है, “UNRWA के भीतर प्रचलित नियम और प्रक्रियाएँ व प्रणालियाँ, यूएन व्यवस्था में सर्वाधिक विस्तृत हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के जटिल और अतिसंवेदनशील वातावरण में काम करना बहुत कठिन है.”

उन्होंने कहा, “जिसमें सुधार की ज़रूरत है, उसमें सुधार किया जाएगा. मुझे विश्वास है कि इन उपायों को लागू करने से, UNRWA को अपना शासनादेश व कामकाज करने में मदद मिलेगी.”

कैथरीन कोलोना ने ज़ोरदार शब्दों में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, UNRWA के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर काम करने को कहा ताकि ये एजेंसी अपने मिशन पर सुचारू रूप से काम कर सके और चुनौतियाँ उत्पन्न होने पर उनका सामना कर सके. “इस समीक्षा का यही उद्देश्य है.”

इस पैनल ने, 9 सप्ताहों की समीक्षा के दौरान, 200 से अधिक इंटरव्यू किए, इसराइली और फ़लस्तीनी अधिकारियों के साथ बैठकें कीं और 47 देशों व संगठनों के साथ सीधे रूप में सम्पर्क किया. इस पैनल की रिपोर्ट में एजेंसी के कामकाज में सुधार के लिए 50 सिफ़ारिशें पेश की हैं जो शिक्षा से लेकर, स्टाफ़ की नियुक्ति में जाँच प्रक्रिया तक से सम्बन्धित हैं.

उन दावों ने UNRWA हिलाकर रख दिया

समीक्षा समूह की रिपोर्ट के अनुसार, UNRWA के ख़िलाफ़ इसराइल के दावों ने, अनेक देशों द्वारा इस एजेंसी को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को स्थगित करने का सिलसिला भड़का दिया था, जिसका दायरा लगभग 45 करोड़ डॉलर था.

इसराइल के दावों का सीधा असर ये हुआ कि UNRWA, की अपना कामकाज करने की सामर्थ्य ख़तरे में पड़ गई. UNRWA केवल स्वेच्छा से मिली दान राशि के आधार पर अपना मिशन चलाती है, और इसराइली दावों के बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित अनेक देशों ने इस एजेंसी के लिए अपना वित्तीय योगदान स्थगित किया तो एजेंसी में वित्तीय भूचाल सा आ गया.

इस नई रिपोर्ट में, UNRWA को वित्तीय सहायता देने वाले देशों व संगठनों के साथ नियमित और पारदर्शी सम्पर्क को मज़बूत करने की सिफ़ारिश की गई है.

UNRWA के स्कूलों पर निष्कर्ष

संयुक्त राष्ट्र विभिन्न तरीक़ों से ग़ाज़ा में, सहायता आपूर्ति जारी रखने की भरपूर कोशिश कर रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार यह एजेंसी अपने लगभग 1000 संस्थानों में तटस्थता सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी भी पूरी करती है. इनमें स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र और भंडार शामिल हैं.

समीक्षा पैनल ने कहा है कि UNRWA ने, शिक्षा में तटस्थता सुनिश्चित करने के लिए लगातार अथक काम किया है और लगभग 706 स्कूलों में, क़रीब पाँच लाख बच्चों को, आरम्भिक स्तरों की शिक्षा मुहैया कराती है. इन स्कूलों में लगभग 20 हज़ार कर्मचारी काम करते हैं, और कुछ स्कूल ग़ाज़ा में भी स्थित हैं. अलबत्ता वहाँ जारी मौजूदा युद्ध के कारण बच्चे शिक्षा से वंचित हैं और युद्ध ने ग़ाज़ा की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है.

UNRWA फ़लस्तीन के लिए अहम जीवनरेखा

रिपोर्ट में कहा गया है कि इसराइल और फ़लस्तीनियों के दरम्यान, एक राजनैतिक समाधान के अभाव की स्थिति में, जीवनरक्षक मानवीय सहायता और आवश्यक सामाजिक सेवाएँ मुहैया कराने में, UNRWA की भूमिका अति महत्वपूर्ण है. इसमें ग़ाज़ा, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया और पश्चिमी तट में रहने वाले फ़लस्तीनी शरणार्थियों को स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाएँ शामिल हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, “इसके अतिरिक्त, बहुत से लोगों की नज़र में, UNRWA एक मानवीय सहायता जीवनरेखा है.”

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश और अन्य यूएन शीर्ष अधिकारियों ने, UNRWA को अपना सक्रिय समर्थन व्यक्त करने के साथ-साथ तमाम हितधारकों से भी इस एजेंसी को मज़बूत समर्थन और वित्तीय सहायता जारी रखने की अपील की है.

इसराइल ने मार्च के अन्तिम दिनों में घोषणा की थी कि वो उत्तरी ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की आपूर्ति करने के लिए, UNRWA के अनुरोधों को रद्द कर देगा. यूएन अधिकारियों के अनुसार, उत्तरी ग़ाज़ा में अकाल के हालात बन गए हैं क्योंकि इसराइली अधिकारियों ने, वहाँ इसराइली अधिकारी, मानवीय सहायता की आपूर्ति को या तो रोक रहे हैं या उसमें बहुत देर लगा रहे हैं.

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