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Union Budget 2024 : रेलवे, पोर्ट्स, एविएशन और हाईवे पर रहेगा सरकार का फोकस

Budget 2024 : केंद्रीय बजट पेश होने में 10 दिन से कम समय बचा है। वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों के बाद जो नई सरकार बनेगी वह पूर्ण बजट पेश करेगी। एनालिस्ट्स की नजरें अगले वित्त वर्ष में सरकार के पूंजीगत खर्च के टारगेट पर लगी हैं। वित्तमंत्री अंतरिम बजट में पूंजीगत खर्च के टारगेट का ऐलान करेंगी। अच्छी इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए पूंजीगत खर्च पर सरकार का फोकस बने रहना जरूरी है। हाल में गुजरात की राजधानी गांधीनगर में हुए वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रोथ को लेकर अपना विजन पेश किया था। उन्होंने निवेश आकर्षित करने के सरकार के लक्ष्य के बारे में बताया था। एनालिस्ट्स का कहना है कि इससे संकेत मिलता है कि अंतरिम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश बढ़ाने वाले उपायों का ऐलान हो सकता है।

MoRTH ने मांगी 3.25 लाख करोड़ रुपये का आवंटन

मनीकट्रोल ने पिछले महीने खबर दी थी कि मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे (MoRTH) ने वित्त मंत्रालय से अगले वित्त वर्ष के लिए 3.25 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की मांग की है। यह साल दर साल आधार पर 25 फीसदी ज्यादा है। अगर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मिनिस्ट्री की यह मांग पूरी करती हैं तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को अगले वित्त वर्ष में बाजार से कम कर्ज जुटाना होगा।

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इस वित्त वर्ष में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 10 लाख करोड़ आवंटन

इस वित्त वर्ष (2023-24) के दौरान वित्तमंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूंजीगत खर्च के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। यह एक अमाउंट एक साल पहले के मुकाबले 33 फीसदी ज्यादा था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार के फोकस के बावजूद प्रोजेक्ट्स पूरे करने की रफ्तार सुस्त है। इस वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज ने 2,816 किलोमीटर सड़क निर्माण के प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया है। यह एक साल पहले की समान अवधि में 5.382 किलोमीटर के मुकाबले कम है।

बजट 2024 में रेलवे, पोर्ट्स, हाईवेज पर बढ़ेगा फोकस

एनालिस्ट्स का कहना है कि अंतरिम बजट में रूरल और अर्बन कनेक्टिविटी, रेलवे, पोर्ट्स, एविएशन और हाईवे पर फोकस बढ़ सकता है। इसका सीधा असर ग्रोथ पर पड़ेगा। साथ ही रोजगार के मौके बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इन सेक्टर पर खर्च बढ़ाने से ये आने वाले सालों में इंडिया का ग्रोथ इंजन बन सकते हैं। ब्रोकिंग फर्म तेजी मंडी ने कहा है कि इससे लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।

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रोड प्रोजेक्ट्स पर काम की रफ्तार सुस्त

NHAI का फोकस खर्च घटाने पर बने रहने की उम्मीद है। केयर रेटिंग्स ने रोड और हाईवे सेक्टर के लिए आवंटन साल दर साल आधार पर 20 फीसदी बढ़ने की उम्मीद जताई है। इक्रा का कहना है कि साल दर साल आधार पर सड़क निर्माण से जुड़ी गतिविधियों में 16-21 फीसदी तक इजाफा हो सकता है। इस वित्त वर्ष में 12,000-12,5000 किलोमीटर सड़क कंसट्रक्शन पर काम चल रहा है। यह 14,000 किलोमीटर के तय लक्ष्य से कम है।

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