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UNHCR को वर्ष 2025 के लिए, पहले ही $1.5 अरब की रक़म के वायदे

UNHCR को वर्ष 2025 के लिए, पहले ही .5 अरब की रक़म के वायदे

इस प्रतिबद्धता पैकेज में दानकर्ता देशों की सरकारों से 1.143 अरब डॉलर की रक़म के साथ-साथ, UNHCR के निजी क्षेत्र के राष्ट्रीय भागीदारों से 35.5 करोड़ डॉलर की प्रतिबद्धताएँ शामिल हैं.

इन प्रतिबद्धताओं से, एजेंसी को वर्ष 2025 के लिए अपनी अनुमानित राशि ज़रूरतों का 15 प्रतिशत हिस्सा पूरा होता है.

संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा है, “हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जो क्रूर और अन्तहीन संघर्षों व टकरावों से तबाह हो रही है. ये टकराव और युद्ध, जीवन को तितर-बितर कर देते हैं और लोगों को सुरक्षा की ख़ातिर हताश बनाकर, विस्थापन व पलायन के लिए मजबूर कर देते हैं.”

उन्होंने कहा, “शरणार्थियों और अन्य जबरन विस्थापित लोगों को इस पल दिखाया गया मज़बूत समर्थन, दरअसल एकजुटता और मानवता के एक बहुत ज़रूरी सन्देश के रूप में पनी गूंज सुनाता है.”

वैश्विक प्रतिक्रिया

स्वीडन, नॉर्वे, डेनमार्क, नैदरलैंड, स्विटज़रलैंड, ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड की सरकारों ने एक बार फिर सहनशील वित्तपोषण का वादा करके अपना समर्थन दिखाया है.

यह समर्थन, UNHCR को नई आपात स्थितियों में तेज़ी से सहायता प्रदान करने और कम राशि की उपलब्धता वाली स्थितियों में सहायता कार्य चलाने में सक्षम बनाता है.

संयुक्त राज्य अमेरिका 20 करोड़ डॉलर की रक़म के साथ प्रतिज्ञाओं में सबसे आगे है. उसके बाद डेनमार्क और स्वीडन हैं, जबकि आर्मीनिया, बुल्गारिया और लिथुआनिया जैसे देश, नए या मज़बूत दान दाताओं के रूप में उभरे हैं, जिन्होंने अपनी दान राशि का दायरा बढ़ाया है.

अगर तत्काल राहत से परे देखें तो, दानदाता देशों की सरकारों ने वर्ष 2026 और उसके बाद के लिए अतिरिक्त $28.3 करोड़ की गारंटी दी है.

यह दूरदर्शी राशि बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि शरणार्थियों को अब औसतन 20 वर्षों के विस्थापन का सामना करना पड़ता है, जिनमें से बहुत से लोग, दशकों तक बेघर रहते हैं.

फ़िलिपो ग्रैंडी ने ज़ोर देकर कहा कि यह उदार रुख़ है, मगरक मानवीय सरायता राशि, शरणार्थियों से सम्बन्धित बढ़ती ज़रूरतों के साथ तालमेल नहीं रख पा रही है.

उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे शान्ति पहुँच से अधिक दूर नज़र आ रही है, और टकराव, युद्ध और संघर्ष व उत्पीड़न, लाखों लोगों को उनके घरों से निकलने पर मजबूर कर रहे हैं. ऐसे हालात में हम एक गम्भीर स्थिति का सामना कर रहे हैं, जिसमें समाधान बहुत कम हैं और संकट बढ़ रहे हैं.”

वैश्विक चुनौतियाँ बरक़रार

यह धनराशि ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आ रही है जब सूडान, यूक्रेन, लेबनान में हाल ही में युद्ध, उत्पीड़न और हिंसा में तेज़ी आई है, जिससे लाखों लोग अपने घरों से भागने पर मजबूर हुए हैं.

म्याँमार, सीरिया और काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में रक्तपात व अस्थिरता से बचकर भागे लाखों लोग दशकों से विस्थापित हैं.

UNCHR का 2024 के संचालन प्रभाव से, सहायता व समर्थन को निरन्तर जारी रखने का महत्व नज़र आता है.

यूएन शरणार्थी एजेंसी ने, स्वयं ही लक्षित सहायता कार्यक्रमों के माध्यम से, 30 लाख से अधिक लोगों को पंजीकृत किया, 12 लाख लोगों को नागरिक पहचान दस्तावेज़ प्रदान किए हैं और 5 लाख से अधिक लोगों को आवश्यक क़ानूनी सहायता प्रदान की है.

56 लाख लोगों को पानी और स्वच्छता सेवाओं तक पहुँच प्रदान की गई और 6 लाख 30 हज़ार लोगों को आश्रय व आवास सहायता मुहैया कराई गई है.

भविष्य की योजनाएँ

UNHCR की वैश्विक दान अपील में अब 2025 के लिए कुल $10.248 अरब धनराशि की मांग की गई है, जिसका उद्देश्य जबरन विस्थापित और देशविहीन लोगों की समस्या का समाधान करना है.

उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने ज़ोर देकर कहा, “मानवीय सहायता को, दानराशि पर लोगों की निर्भरता को कम करने, विस्थापित समुदायों को न केवल जीवित रहने, बल्कि उन्हें फलने-फूलने और ख़ुशहाल बनने में मदद करने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा.”

यूएन शरणार्थी एजेंसी युगांडा, कोलम्बिया और केनया में सफल रहे कार्यक्रमों के उदाहरणों का अनुसरण करते हुए, राष्ट्रीय सेवाओं में शरणार्थियों को शामिल करने को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ, शरणार्थियों की स्वैच्छिक स्वदेश वापसी, स्थानीय समुदायों में घुलने-मिलने और पुनर्वास जैसे दीर्घकालिक समाधानों को आगे बढ़ाने पर काम कर रही है.

एजेंसी साथ ही, अभिनव दृष्टिकोणों के माध्यम से दक्षता बढ़ाने की योजना भी बना रही है.

चरम मौसम से होने वाली आपदाएँ जैसे-जैसे बढ़ रही हैं और टकराव व युद्ध जारी हैं, ये शुरुआती दान राशि  प्रतिबद्धताएँ, UNHCR को दुनिया की सबसे कमज़ोर आबादी यानि शरणार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा और सहायता कार्यक्रम बनाए रखने में अधिक आत्मविश्वास प्रदान करती हैं.

फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा है कि दान राशि के ये वादे जीवन बचाने, सम्मान बहाल करने और पलायन करने के लिए मजबूर लाखों लोगों के लिए आशा लाने की प्रतिबद्धता है.

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करने के सन्दर्भ में, यह समर्थन महत्वपूर्ण होगा.

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