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UNGA79: ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी लोगों का जानबूझकर क़त्लेआम, पाकिस्तान

UNGA79: ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी लोगों का जानबूझकर क़त्लेआम, पाकिस्तान

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क स्थित महासभा के 79वें सत्र की वार्षिक जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए कश्मीर के मुद्दे का भी ज़िक्र किया.

प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज़ शरीफ़ ने ग़ाज़ा के मुद्दे पर कहा, “इनसान होने के नाते, क्या हम ख़ामोश रह सकते हैं, जब बच्चों को, उनके ही ध्वस्त हो चुके घरों के मलबे में दफ़नाया जा रहा हो? क्या हम उन माताओं की तरफ़ से अपनी आँखें मून्द सकते हैं, जो अपने बच्चों के जीवन रहित हो चुके शरीरों का बोझ ढो रही हैं?”

उन्होंने कहा, “यह केवल युद्ध भर नहीं है; यह फ़लस्तीन के लोगों का सोचा-समझा क़त्लेआम है.”

कश्मीर का मुद्दा

मोहम्मद शहबाज़ शरीफ़ ने, पाकिस्तान और भारत के बीच दशकों से विवादास्पद मुद्दे कश्मीर का भी ज़िक्र किया.

उन्होंने कहा, “कश्मीर के लोग, उस झूठी भारतीय पहचान को रद्दे करने के लिए संकल्पबद्ध हैं, जो भारत की केन्द्रीय सरकार उनके ऊपर थोपने की कोशिश कर रही है. वहाँ बहुत ही गम्भीर परिस्थितियों और अत्याचारों को अंजाम दिया जा रहा है.”

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, “क़ाबिज़ कश्मीर में भारत की क्रूर उत्पीड़न व दमन की नीति ने ये सुनिश्चित किया है कि लाखों फ़लस्तीनीयों के संघर्ष और बलिदानों को प्रेरित करने के लिए, बुरहान वानी की विरासत जारी रहे.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “मैं बिल्कुल स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूँ कि पाकिस्तान, किसी भी भारतीय आक्रामकता का, बहुत निर्णायक तरीक़े से जवाब देगा.”

क़र्ज़ का कुचक्र

प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने अपने सम्बोधन में, विकासशील दुनिया का भी ज़िक्र किया जिसमें लगभग 100 विकासशील देश, क़र्ज़ और धन की क़िल्लत के कुचक्र में फँसे हुए हैं.

उन्होंने इसे “एक ऋण जाल” के बजाय, “मौत का एक जाल” पुकारते हुए कहा कि “इन परिस्थितियों में टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति, दूर की कौड़ी नज़र आती है.”

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय ढाँचे और विश्व व्यापार व प्रौद्योगिकी व्यवस्था में, “सुधार किए जाने के साथ-साथ, उसे विकास और वैश्विक समता को बढ़ावा देने में सहायक बनाए जाने की ज़रूरत है.”

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