उन्होंने यूएन महासभा के 79वें सत्र के दौरान शुक्रवार को जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है.
मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में युवजन की भूमिका की सराहना करते हुए विश्व नेताओं से आग्रह किया कि उन्हें अपने देश में युवा पीढ़ी में निवेश करना होगा, ताकि एक न्यायसंगत, अधिक समतापूर्ण विश्व को आकार दिया जा सके.
मुख्य सलाहकार ने कहा कि आज देशों की इस संसद में उन्हें खड़े होने का अवसर मिला है, जोकि बांग्लादेश में जुलाई व अगस्त महीने के दौरान हुए रूपान्तरकारी बदलावों से ही सम्भव हो पाया है.
उनके अनुसार, बांग्लादेशी जनता की शक्ति ने, देश को निरंकुश व अलोकतांत्रिक सत्ता से मुक्ति दिलाने में मदद की है, और युवाओं के नेतृत्व में हुए आन्दोलन से बांग्लादेश में राजनैतिक चेतना का एक नया चरण शुरू हुआ है.
उन्होंने मानव गरिमा, स्वाधीनता व सामाजिक न्याय का भी समर्थन किया, और माना कि ये बड़े बदलाव अपने साथ चुनौतियाँ भी लेकर आए हैं.
मगर, मुख्य सलाहकार यूनुस ने भरोसा जताया कि आम नागरिकों की सहनसक्षमता व जज़्बे के ज़रिए देश को आगे बढ़ाया जा सकेगा. “उनकी दृढ़ता, एक अधिक समतापूर्ण व समृद्ध भविष्य की नींव तैयार कर रही है.”
उन्होंने यूएन महासभा की जनरल डिबेट को अपने प्रथम सम्बोधन में लोकतांत्रिक मूल्यों को सर्वोपरि रखने और सभी नागरिकों के मानवाधिकारों को सुनिश्चित रखने की अहमियत पर बल दिया, और दोहराया कि उनका देश शान्ति, विकास व मानवाधिकारों को बरक़रार रखने के पथ पर अग्रसर है.
मोहम्मद यूनुस ने बताया कि स्वाधीनता व गरिमा के सिद्धान्त, उनके देश की शासन व्यवस्था व अन्तरराष्ट्रीय रुख़ के केन्द्र में हैं. इस क्रम में, उन्होंने आज़ादी के लिए बांग्लादेश के ऐतिहासिक सन्दर्भ को याद किया, जब स्वतंत्रता हासिल करना लक्ष्य था.
“हमारे लोगों ने स्वाधीनता और अपने अधिकारों के लिए असाधारण साहस के साथ लड़ाई लड़ी और आज के युवाओं ने इस लड़ाई को जारी रखा है. न्याय, समानता व अपने भविष्य में अपनी आवाज़ की मांग के साथ.”
बांग्लादेशी नेता ने एक ऐसा माहौल तैयार करने का आग्रह किया जहाँ युवजन फल-फूल सकें, नवाचार समाधान खोजें और नेतृत्व करें.
उन्होंने कहा कि युवा मज़बूती और टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने में एक अहम सम्बन्ध है. जलवायु परिवर्तन, निर्धनता व असमानता समेत अन्य वैश्विक चुनौतियों पर पार पाने में युवजन की अहम भूमिका है.
मोहम्मद यूनुस ने विश्व नेताओं से युवाओं में निहित सम्भावनाओं में निवेश करने पर बल दिया ताकि एक समावेशी, न्यायसंगत व टिकाऊ विश्व को आकार दिया जा सके.