ऑलिवर डाउडेन ने कहा कि नवम्बर 2023 में होने वाले इस शिखर सम्मेलन का नाम है – एआई सुरक्षा सम्मेलन और इसका मक़सद, एआई द्वारा दरपेश जोखिमों का पूर्वानुमान लगाना और ये पता लगाना है कि सार्वजनिक अच्छाई के लिए, इसका प्रयोग किस तरह किया जा सकता है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “एआई, दुनिया के संज्ञान में, एक सर्वाधिक विशाल बदलाव है.” यह प्रौद्योगिकी उस सबकुछ को बदलने वाली है जो हम करते हैं, हम जिस तरह जीवन जीते हैं, देशों के बीच सम्बन्धों को, और ये संयुक्त राष्ट्र को भी मूलभूत रूप में बदलने वाली है.
ब्रितानी उप प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा, “सरकारों के रूप में हमारा काम, इसे समझना है, और इसका प्रशासन करना है, और साथ ही, हमें यह काम बहुत तेज़ी के साथ करना होगा.”
हमे इसकी समाएँ नहीं मालूम
ऑलिवर डाउडेन ने थॉमस ऐडिसन (प्रकाश बल्ब) और टिम बर्नर्स-ली (ईमेल) जैसे अन्वेषकों के आविष्कारों और वर्तमान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कि सम्भावनाओं के दरम्यान तुलनात्मक आकलन पेश किया.
“वो उस समय शायद, आज के न्यूयॉर्क के आसमान पर रात के दौरान प्रकाशमान नज़ारे का, या फिर आधुनिक इंटरनेट के चमत्कारों अनुमान नहीं लगा पाए होंगे… मगर उन्हें अपने आविष्कारों की रूपान्तरकारी बदलावों की ताक़त के बारे में अन्दाज़ा अवश्य था.”
अवसर बनाम जोखिम
ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री ने, एक ये बड़ी चिन्ता व्यक्त की कि एआई बहुत तेज़ी से विकसित हो रही है, और इस गति के बहुत दूरगामी परिणाम हैं, इससे उत्पन्न अवसरों और जोखिमों – दोनों के नज़रिए से.
उन्होंने कहा कि इसी सन्दर्भ में, एआई सम्मेलन, इस प्रौद्योगिकी के सम्बन्धित अत्यन्त गम्भीर जोखिमों पर ध्यान केन्द्रित करेगा.
पूर्ण वक्तव्य यहाँ उपलब्ध है.