शिक्षा

UNESCO: लड़कियों की शिक्षा में संसाधन बढ़ाने की पुकार

UNESCO: लड़कियों की शिक्षा में संसाधन बढ़ाने की पुकार

ऑड्री अज़ूले ने, शुक्रवार को चीन की राजधानी बेजिंग में, महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा के लिए, वर्ष 2023 के यूनेस्को पुरस्कार सम्मान समारोह में ये बात कही.

उन्होंने, शिक्षा तक लड़कियों और महिलाओं की पहुँच को आसान बनाने के लिए, वैश्विक संसाधन और सघन किए जाने की अपील की.

समानता के लिए जद्दोजहद

ऑड्री अज़ूले ने कहा कि वर्ष 1995 में, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा महिला अधिकारों पर यूएन घोषणा-पत्र और कार्य योजना अपनाए जाने के बाद से, शिक्षा में “ख़ासी प्रगति” दर्ज की गई है.

आज दुनिया भर में 90 प्रतिशत लड़कियों ने प्राथमिक शिक्षा पूरी कर ली है, और 40 प्रतिशत से अधिक लड़कियों को, उच्च शिक्षा तक पहुँच हासिल है.

यूनेस्को प्रमुख ने कहा, “इस समीकरण का जारी रहना बेहद ज़रूरी है क्योंकि शिक्षा में लैंगिक समानता अभी वास्तविकता नहीं बनी है. इस समय, दुनिया में, कुल निरक्षर वयस्कों में, दो-तिहाई संख्या महिलाओं की है.”

असाधारण कार्यक्रमों को सम्मान

यूनेस्को का ये पुरस्कार, लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा को आगे बढ़ाने में, असाधारण और नवाचारी योगदान करने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं, और संगठनों के को सम्मानित करता है.

हर साल दिया जाने वाला ये पुरस्कार वर्ष 2015 में शुरू किया गया था और इसे चीन का समर्थन हासिल है. वर्ष 2023 का पुरस्कार पाने वालों में पाकिस्तान की दो परियोजनाएँ और चीन की एक परियोजना शामिल हैं.

लड़कियों के लिए एक बेहतर भविष्य

पाकिस्तान का स्टार स्कूल कार्यक्रम, आपात परिस्थितियों में लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करता है. 

इस कार्यक्रम से, 5 लाख 40 हज़ार लड़कियाँ लाभान्वित होती हैं, जिनमें अफ़ग़ान और रोहिंज्या शरणार्थियों के साथ-साथ, वर्ष 2022 में आई घातक और विनाशकारी बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ित भी शामिल हैं.

यूनेस्को ने, इस परियोजना का संचालन करने वाले Pakistan Alliance for Girls Education (PAGE) के कार्यकारी निदेशक फ़जेर पाशा से बात की.

फ़जेर पाशा का कहना था, “जब लड़कियाँ स्टार स्कूल में शिक्षा हासिल करके बाहर निकलती हैं तो हम उन्हें केवल साक्षर भर नहीं देखना चाहते.”

“बल्कि हम उन्हें आत्मविश्वास से भरपूर, और अपने अधिकारों के बारे में जागरूक देखना चाहते हैं, ताकि वो ये विश्वास कर सकें कि उनके लिए भी एक भविष्य है.”

चीन में The Spring Bud परियोजना, 51 नस्लीय समूहों की 40 लाख किशोरियों की गुणवत्ता वाली शिक्षा का प्रबन्ध करती है. ये परियोजना 31 प्रान्तों में संचालित होती है.

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