उद्योग/व्यापार

TN GIM 2024 : तमिलनाडु सरकार ने पेश की सेमीकंडक्टर पॉलिसी, मैन्युफैक्चरिंग पर 50% इंसेंटिव का ऐलान

TN GIM 2024 : तमिलनाडु सरकार ने आज 7 जनवरी को सेमीकंडक्टर एंड एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी 2024 की घोषणा की है। इसमें राज्य सरकार ने केंद्र की 10 अरब डॉलर की चिप सब्सिडी प्लान के तहत चयनित सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को 50 फीसदी तक अतिरिक्त फाइनेंशियल इंसेटिंव देने का ऐलान किया है। तमिलनाडु में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए दो दिनों की ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट 2024 का आयोजन किया गया है, जिसकी शुरुआत आज से हो गई है। इस बीच कंपनी ने अपनी सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2024 पेश की है।

तमिलनाडु सेमीकंडक्टर एंड एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी 2024

तमिलनाडु सरकार ने इस पॉलिसी में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए और भी कई ऐलान किए हैं। पॉलिसी के तहत अगर केंद्र द्वारा चयनित सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट तमिलनाडु में अपना मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करती है, तो इस कई अन्य इंसेंटिव भी दिए जाएंगे। इसमें कर्मियों को प्रशिक्षित करने, स्टांप ड्यूटी, लैंड और इलेक्ट्रिसिटी में रियायत शामिल हैं।

चिप्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में ग्लोबल मार्की रिसर्च या डिजाइन एंटिटी भी राज्य के लोगों को रोजगार देने पर 3 साल के लिए 30 फीसदी तक पेरोल रीइंबर्समेंट की हकदार होंगी। पेरोल सब्सिडी हर कर्मचारी के लिए प्रति माह 20000 रुपये तक होगी।

ब्याज दर में 5 फीसदी की छूट

राज्य सरकार पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और जियोग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्रेशन से संबंधित इन-हाउस R&D के लिए प्रोजेक्ट के लिए किए गए खर्च का 50 फीसदी, निवेश अवधि के लिए अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक की रीइंबर्स करेगी। प्रोजेक्ट के फाइनेंस के लिए लिए गए एक्चुअल टर्म लोन के लिए ब्याज दर में 5 फीसदी की छूट दी जाएगी।

इसके अलावा ‘एडवांस इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए इंसेंटिव का स्ट्रक्चर्ड पैकेज 1 जनवरी 2024 से किए गए निवेश के साथ राज्य में ‘नए/एक्सपेंशन प्रोजेक्ट’ के लिए लागू होगा। शुरुआती 200 करोड़ रुपये के निवेश के लिए कंपनियों को कम से कम 200 करोड़ रुपये की निवेश सीमा और 150 नौकरियों की न्यूनतम रोजगार सीमा पूरी करनी होगी।

प्रत्येक अतिरिक्त 50 करोड़ रुपये के निवेश के लिए, कम से कम 35 नौकरियां जनरेट होनी चाहिए। न्यूनतम निवेश और रोजगार सीमा को चार साल की स्टैंडर्ड इनवेस्टमेंट पीरियड के भीतर यूनिट द्वारा पूरा किया जाना चाहिए। इसके अलावा, कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी से न्यूनतम 20 फीसदी इन-हाउस/यूनिट-लेवल वैल्यू एडिशन करना होगा।।

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