भारत के आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एन गणपति सुब्रमण्यम 20 मई से रिटायर हो रहे हैं। यह घटनाक्रम कंपनी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि सुब्रमण्यम पिछले कई सालों से टीसीएस की रणनीति और विकास में अहम भूमिका निभाते रहे हैं।
हो रहे रिटायर
टीसीएस ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि एन गणपति सुब्रमण्यम, कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (COO and ED) का पद 19 मई 2024 को समाप्त होता है। इसके अनुसार, वह 20 मई 2024 से कंपनी के सीओओ और ईडी नहीं रहेंगे। इससे पहले, टीसीएस के सीईओ कृष्णन कृथिवसन ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा था कि टाटा ग्रुप की कंपनी ने 12 अप्रैल को घोषणा की थी कि चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मई में रिटायर्ड हो जाएंगे। सुब्रमण्यम कई काम कर रहे हैं और उनकी जगह कोई एक व्यक्ति नहीं ले सकता है, हमारी वर्तमान सोच यह है कि हमारी नेतृत्व टीम उनके काम को फिर से डिवाइड कर रही है और हम एक नए COO को नियुक्त करने का इरादा नहीं रखते हैं।
इन पदों पर किया काम
सुब्रमण्यम 1982 से टीसीएस से जुड़े रहे हैं और फरवरी 2017 में COO का पद संभाला था। उन्होंने नवंबर 2014 से टाटा एलेक्सी लिमिटेड के एडिशनल डायरेक्टर एंड चेयरमैन और दिसंबर 2021 से टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड के एडिशनल डायरेक्टर (नॉन-इंडिपेंडेंट; नॉन-एग्जीक्यूटिव) के रूप में भी काम किया। COO का पद संभालने से पहले, उन्होंने एग्जीक्यूटिव वाइस-प्रेसीडेंट, टीसीएस फाइनेंशियल सोलूशन्स, प्रोडक्ट और प्लेटफॉर्म बिजनेस, क्लाइंट डिलीवरी, बिजनेस डेवलपमेंट, बिजनेस के एकीकरण और प्रोडक्ट डेवलपमेंट के प्रमुख में अन्य नेतृत्व पदों पर भी काम किया।
कैसे रहे TCS के चौथी तिमाही के नतीजे?
चौथी तिमाही में TCS के परफॉर्मेंस पर मैक्रो-इकोनॉमिक चैलेंज का असर दिखा मगर कंपनी ने सबसे ज्यादा सौदे हासिल करने के साथ वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत की है। टीसीएस का नेट प्रॉफिट वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 9.1 फीसदी बढ़कर 12,432 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के 11,735 करोड़ रुपये के मुकाबले कंपनी का आफ्टर टैक्स मुनाफा 6 फीसदी बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में टीसीएस की आय सालाना आधार पर 3.5 फीसदी बढ़कर 61,237 करोड़ रुपये रही।
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