Tata Power के शेयरों में आज 10 जनवरी को करीब 2.50 फीसदी की तेजी आई है। इस समय यह स्टॉक 1.09 फीसदी बढ़कर 343.80 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। दरअसल, ब्रोकरेज हाउस इस शेयर को लेकर बुलिश नजर आ रहे हैं। Antique के एनालिस्ट्स ने इसे Buy रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस भी बढ़ा दिया है। यही वजह है कि निवेशक स्टॉक में आज दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
ब्रोकरेज फर्म ने Tata Power के टारगेट प्राइस को 422 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये कर दिया है। इस हिसाब से कंपनी के शेयरों में करीब 31 फीसदी की तेजी की संभावना है। एंटीक के एनालिस्ट्स का मानना है कि टाटा पावर इस सेक्टर में बेहतर प्रदर्शन करेगी।
क्या है ब्रोकरेज की राय
ब्रोकरेज ने कहा, “टाटा पावर के पास 4.3 गीगावाट (GW) ऑपरेशनल सोलर, विंड और हाइब्रिड एसेट्स हैं। कंपनी की योजना FY27 से पहले 10 GW जोड़ने की है। इसमें 60,000 करोड़ रुपये का कैपिटल एक्सपेंडिचर होगा। ध्यान दें कि 14 GW EBITDA में 8,400 करोड़ रुपये का योगदान दे सकता है। सोलर EPC, रूफटॉप और EV चार्जिंग स्टेशन जोड़ें, तो कंसोलिडेटेड RE आसानी से 10,000 करोड़ रुपये से आगे बढ़ सकता है।”
तमिलनाडु में 70800 करोड़ का निवेश करेगी कंपनी
टाटा पावर की सब्सिडियरी कंपनी टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी ने ग्रीन पावर के विकास का समर्थन करने और भारत के क्लीन एनर्जी बदलाव में तेजी लाने के लिए हाल ही में तमिलनाडु सरकार के साथ दो समझौते किए हैं। इस समझौते के तहत 70800 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
पहले MoU के तहत TPREL अगले पांच से सात साल में सोलर, विंड, हाइब्रिड (एक ही जगह पर सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट लगाना) जैसे क्षेत्रों में 10,000 मेगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट को डेवलप करने के अवसर तलाशेगी। ये रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स तमिलनाडु में 50,000 एकड़ भूमि पर होंगी। इनमें करीब 70,000 करोड़ रुपये की निवेश क्षमता होगी। कंपनी ने कहा कि इस पहल में करीब 3,000 ग्रीन जॉब के अवसर पैदा करने की क्षमता है।
दूसरा MoU तिरुनेलवेली जिले के गंगैकोंडन में दो फेज में 4 गीगावॉट सोलर सेल और सौर मॉड्यूल प्लांट स्थापित करने के लिए निवेश को 3,800 करोड़ रुपये तक बढ़ाने के लिए है। चार जुलाई 2022 को कंपनी ने एक MoU पर साइन किए थे, जिसमें निवेश 3,000 करोड़ रुपये आंका गया था। अब इसे बढ़ाकर 3,800 करोड़ रुपये करने की योजना है।
कुल मिलाकर, कंपनी लेटेस्ट TOPCon टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके प्रत्येक 300 मेगावाट अतिरिक्त सेल और मॉड्यूल लाइन स्थापित करेगी, जिससे कुल प्लांट कैपिसिटी 4.3 गीगावॉट हो जाएगी। अगले दो वर्षों में 800 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है।