यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने टोंगा की राजधानी नुकुअलोफ़ा में एक प्रैस वार्ता के दौरान, विश्व नेताओं से वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में...
पिछले चार महीनों में, रोहिंज़्या समेत हज़ारों लोग, बुथिदौंग और माउंगडौ क़स्बों पर क़ब्ज़े के लिए, नस्लीय सशस्त्र गुट – अराकान आर्मी के हमलों...
संयुक्त राष्ट्र के अन्तरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (IFAD) की एक नई परियोजना के तहत, मैक्सिको जैसे देशों में 53 आदिवासी समुदायों के साथ...
संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत समन्वय कार्यालय – OCHA ने बताया है कि मानवीय सहायताकर्मियों के लिए अपना काम करते हुए अपनी ज़िन्दगियों के लिए...
सूडान और चाड के दरम्यान ऐड्रो सीमा चौकी, कई वर्षों से बन्द पड़ी थी. यह सीमा चौकी, सूडान के दारफ़ूर क्षेत्र में...
जानने योग्य पाँच बातें: 1. ‘स्वैच्छिक अलगाव और प्रारम्भिक सम्पर्क’ का क्या अर्थ है? इस वर्ष के अन्तरराष्ट्रीय दिवस का ध्यान, लगभग 200 आदिवासी समूहों पर है, जो वर्तमान में स्वैच्छिक अलगाव और प्रारम्भि सम्पर्क में रह रहे हैं. ये लोग, बाक़ी दुनिया से अलगाव में, अपनी जीविका जुटाकर और शिकार करके जीवित रहते हैं. ये समूह, बोलीविया, ब्राज़ील, कोलम्बिया, एक्वाडोर, भारत, इंडोनेशिया, पपुआ न्यू गिनी, पेरू और वेनेज़ुएला के दूरदराज़ स्थित प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध जंगलों में रहते हैं. 2. कोई समूह स्वैच्छिक रूप से अलग रहना क्यों चुनता है? ये आदिवासी समूह, जानबूझकर मुख्यधारा के समाज से दूर रहते हैं. प्रत्येक समुदाय के अपने कारण होते हैं, जिनमें से कुछ अपनी स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए ऐसा करते हैं. कुछ समुदाय अपनी संस्कृतियों और भाषाओं की रक्षा के लिए भी स्वैच्छिक रूप से अलग रहते हैं. 3. क्या ख़तरे हैं? बाहरी सम्पर्क से अलग-थलग रहने वाले आदिवासी लोगों के लिए सबसे गम्भीर ख़तरों में से एक बीमारियों के सम्पर्क में आना है....
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने एक ईमेल सन्देश में कहा है कि इन हमलों की परिस्थितियों के बारे में और...
संयुक्त राष्ट्र के उच्चतम न्यायालय (ICJ) ने 19 जुलाई को एक परामर्श-मत घोषित किया था जिसमें कहा गया था कि ग़ाज़ा पट्टी...
वर्ष 2030 तक बच्चों में AIDS का ख़ात्मा किए जाने के लिए वैश्विक गठबन्धन (The Global Alliance) ने यह आहवान किया है. इस...
UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने एक स्वागत सन्देश में लिखा है कि दान सहायता हाल करने का ब्रिटेन का यह निर्णय “एक...
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