स्वाति मालीवाल के साथ हुए अभद्रता और मारपीट के मामले में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने रविवार को राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया। रविवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस पर मामले से संबंधित जानकारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मीडिया को लीक करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि मामले से जुड़ी गोपनीय सामग्री मीडिया के साथ साझा की जा रही है और सोशल मीडिया पर साझा की जा रही है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि “दिल्ली पुलिस ने डीडी एंट्री की तस्वीर भी जारी की – जब कॉल प्राप्त हुई थी। दिल्ली पुलिस इसमें रुचि रखने वाली पार्टी है क्योंकि ऐसा करने से उनकी राजनीतिक ज़रूरतें पूरी हो रही हैं, अन्यथा मैंने पहले कभी पुलिस को ऐसा कुछ करते नहीं देखा है। देश का कानून कहता है कि धारा 354 (छेड़छाड़) के तहत एफआईआर को गोपनीय रखा जाता है। हालांकि, जैसे ही एफआईआर दर्ज की जाती है, इसे व्हाट्सएप के माध्यम से सभी मीडिया के साथ साझा किया जाता है और सभी एक्स हैंडल पर पोस्ट किया जाता है।”
स्वाति मालीवाल से मारपीट की घटना
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल के पीए रहे बिभव कुमार ने उन्हें सात से आठ बार थप्पड़ मारा, उन पर हमला किया, उनकी छाती और कमर के निचले हिस्से पर लात मारी और जानबूझकर उनकी शर्ट खींची, जिससे उसके बटन टूट गए। स्वाति ने बताया कि यह घटना तब हुई जब वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनसे मिलने गई थीं।
घटना 13 मई को हुई और स्वाति ने एफआईआर 16 मई को दर्ज कराई। उनका आरोप के बाद, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक और करीबी सहयोगी रहे बिभव कुमार को 18 मई की दोपहर को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उसके बाद उनकी अदालत में पेशी हुई और फिर उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
तो क्या इस वजह से स्वाति से हुई मारपीट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक स्वाति मालीवाल को आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा भेजा था लेकिन अब उन्हें अपना पद छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इसे लेकर उनसे त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया। इससे इनकार करने के कारण विवाद हुआ जिसके बाद ही बिभव कुमार के द्वारा उन पर हमला किया गया। सूत्रों के मुताबिक आप मालीवाल की राज्यसभा की सीट एक वरिष्ठ वकील को देने की बात कही जा रही है, जो अदालतों में केजरीवाल का मुकदमा देख रहे हैं।
स्वाति मालीवाल का कार्यकाल 2030 में समाप्त होगा। अगर इस राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव की स्थिति बनी तो आप जिसे भी टिकट देगी, उसका जीतना लगभग तय माना जा रहा है। जब सीएम केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया, तो उस वक्त स्वाति मालीवाल विदेश में अपने बहन के इलाज के लिए गई हुईं थीं। दिल्ली लौटने के बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी गई थी।
सीएम से मिलना चाहती थीं स्वाति
सूत्रों के मुताबिक स्वाति मालीवाल कई मुद्दों को लेकर सीएम केजरीवाल के साथ चर्चा करना चाहती थीं, इसलिए वह 13 मई की सुबह सीएम के आधिकारिक आवास पर गईं थीं। कहा जा रहा है कि जब मालीवाल से राज्यसभा के सभापति को संबोधित त्याग पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने पूछा, ‘वह क्यों’, राज्यसभा में पार्टी के नौ अन्य लोग हैं, तो कोई और क्यों नहीं मैं ही क्यों? उन्हें कुछ और पद देने का वादा किया गया लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया।