Stocks on Broker’s Radar : एचडीएफसी बैंक (HDFC बैंक) ने स्पष्ट किया है कि उनकी इंडसइंड बैंक में हिस्सा लेने का उनका कोई प्लान नहीं है। HDFC AMC और HDFC लाइफ को 9.5% तक हिस्सा लेने की मंजूरी मिली है। HDFC बैंक ग्रुप ने बतौर प्रोमोटर RBI को इसकी अर्जी दी थी। पिछली तिमाही के मुकाबले भारती एयरटेल का मुनाफा 82% बढ़ा लेकिन अनुमान से कम रहा। मार्जिन अनुमान के मुताबिक रहे लेकिन ARPU बढ़कर 208 रुपए हुआ। वहीं तीसरी तिमाही में अशोक लीलैंड के अच्छे नतीजे देखने को मिले। मुनाफे में 63% का उछाल नजर आया। हालांकि आय फ्लैट रही। मार्जिन भी ऑल टाइम हाई पर पहुंचे। एचएसबीसी ने एचडीएफसी बैंक पर खरीदारी की रेटिंग दी है। जबकि मॉर्गन स्टैनली ने भारती एयरटेल पर इक्वल वेट रेटिंग दी है। इसके साथ ही अशोक लीलैंड और यूपीएल के स्टॉक भी ब्रोकरेज फर्मों के रडार पर आ गया है। जानते हैं सभी स्टॉक्स के टारगेट प्राइस-
एचएसबीसी ने एचडीएफसी बैंक पर खरीदारी की रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 1950 रुपये/शेयर से घटाकर 1750 रुपये/शेयर तय किया है। उनका कहना है कि कम लोन ग्रोथ और कॉस्ट रेशियो और क्रेडिट कॉस्ट की लागत बढ़ने की वजह से वित्त वर्ष 2055 के लिए ईपीएस में 4.5-8.2% की कटौती की गई है। स्टॉक मौजूदा वैल्यूएशन से मंदी का नजरिया बनता है। हालांकि एनालिसिस से 3 वर्षों में 18-29% रिटर्न की संभावना का पता चलता है। बड़े बैंक कंज्यूमर स्टॉक्स की तुलना में बेहतर वैल्यू प्रदान करते हैं।
मॉर्गन स्टैनली ने भारती एयरटेल पर इक्वल वेट रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 1015 रुपये/शेयर तय किया है। उनका कहना है कि Q3 ने स्थिर प्रदर्शन दिखाया है। भारत का मोबाइल बिजनेस रेवन्यू अनुमान से ज्यादा रहा। सब्सक्राइबर मिक्स में सुधार के कारण EBITDA भी अच्छा रहा। तिमाही आधार पर फ्लैटिश कैपेक्स अनुमान से कम रहा है। कैश फ्लो मजबूत रहा।
यूबीएस ने अशोक लीलैंड पर न्यूट्रल कॉल दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 190 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि कंपनी का Q3 EBITDA 1,110 करोड़ रुपये रहा जो कि अनुमान से 8% अधिक है। कंपनी की EBITDA मार्जिन 12.0% रही इसमें सालाना आधार पर 320 बीपीएस और तिमाही आधार पर 80 बीपीएस का सुधार देखने को मिला। कंपनी की मार्जिन मोटे तौर पर अनुमान के मुताबिक रही। ये इसके प्रतिस्पर्धी टाटा मोटर्स के सीवी बिजनेस के समान रही
एचएसबीसी ने यूपीएल पर खरीदारी की रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 730 रुपये/शेयर से घटाकर 550 रुपये/शेयर तय किया है। उनका कहना है कि निरंतर प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण Q3FY24 में Q3 घाटा बढ़ गया। उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24 घाटे का वर्ष होगा और वित्त वर्ष 2020 रिकवरी का वर्ष होगा। राइट्स इश्यू और अन्य पहल लोन कम करने के लिए सहायक साबित होंगे।
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