दिल्ली हाई कोर्ट ने बजट एयरलाइन स्पाइसजेट (SpiceJet) को 29 फरवरी तक इंजन लीज पर देने वाली (Lessors) दो कंपनियों को उनके बकाए के एवज में 20 लाख डॉलर का भुगतान करने का निर्देश दिया है। भारतीय करेंसी में यह अमाउंट लगभग 16.57 करोड़ रुपये होता है। हाईकोर्ट ने एयरलाइन को चेतावनी दी है कि अगर वह पैसे का भुगतान नहीं करती है, तो कोर्ट को मजबूरन इंजन की ग्राउंडिंग की मांग वाले आवेदन में आदेश पारित करना होगा। इस साल 29 जनवरी को हाई कोर्ट ने स्पाइसजेट को 15 फरवरी तक 40 लाख डॉलर का भुगतान करने को कहा था। हालांकि एयरलाइन ने इस डेडलाइन तक केवल 20 लाख डॉलर का भुगतान किया।
SpiceJet की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट संदीप सेठी ने अदालत को बताया कि कंपनी वित्तीय बाधाओं के कारण पूरी राशि का भुगतान नहीं कर सकती है। वकील ने स्पाइसजेट को 29 फरवरी तक की मोहलत देने का आग्रह किया।
बकाया नहीं चुका पा रही और गो फर्स्ट के लिए लगाई बोली
इंजन लीज पर देने वाली टीम फ्रांस 01 SAS और सनबर्ड फ्रांस 02 SAS की ओर से सीनियर एडवोकेट राजशेखर राव ने अदालत को बताया कि एक ओर एयरलाइन अपने लेसर्स को बकाए का भुगतान नहीं कर पा रही है, वहीं दूसरी ओर स्पाइसजेट के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में बंद पड़ी एयरलाइन गो फर्स्ट को खरीदने के लिए बोली लगाई है। अदालत ने इन दलीलों को सुनने के बाद लेसर्स से इसकी पुष्टि करने वाले डॉक्युमेंट उपलब्ध कराने को कहा। मामले की सुनवाई अब मार्च के दूसरे हफ्ते में होगी। इस बीच अगर स्पाइसजेट ने लेसर्स को 29 फरवरी तक भुगतान नहीं किया तो वे फिर से अदालत का रुख कर सकते हैं।
दिसंबर 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पाइसजेट को दो सप्ताह में लेसर्स को 450000 डॉलर का भुगतान करने का निर्देश दिया था। एयरलाइन ने इस अमाउंट का भुगतान कर दिया था लेकिन लेसर्स ने बकाया राशि को देखते हुए आगे भुगतान के लिए दबाव डाला। टीम फ्रांस 01 एसएएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएएस ने एक मुकदमा दायर कर आरोप लगाया कि एयरलाइन ने उन्हें दो वर्षों से अधिक समय से 1.29 करोड़ डॉलर की राशि का भुगतान नहीं किया है। इसके अलावा उन्होंने अदालत से लीज के टर्मिनेशन के बावजूद स्पाइसजेट को अपने तीन इंजनों का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए भी कहा।