उद्योग/व्यापार

Sensex 6000 अंक लुढ़का, म्यूचुअल फंड के निवेशकों को क्या करना चाहिए?

लोकसभा चुनावों के फाइनल नतीजे जैसे-जैसे अपने अंजाम की तरफ बढ़ रहे हैं बाजार में गिरावट बढ़ रही है। 12:10 बजे निफ्टी 1752 अंक गिर चुका था, जबकि सेंसेक्स 5600 अंक नीचे दिखा। इस गिरावट ने निवेशकों को डरा दिया है। खासकर म्यूचुअल फंड के निवेशकों को अपने निवेश की वैल्यू घटने का डर सता रहा है। पिछले 2-3 साल में मार्केट में आई तेजी ने निवेशकों का हौसला बढ़ाया था। इससे बड़ी संख्या में निवेशकों ने सिप के जरिए म्यूचुअल फंड की स्कीमों में पैसे लगाने शुरू किए थे। इनमें बड़ी संख्या में नए निवेशक शामिल हैं, जिन्होंने अब तक बाजार में बड़ी गिरावट नहीं दिखी है। उन्हें अपने पैसे डूबने का डर सता रहा है।

म्यूचुअल फंड के निवेशकों को चिंता नहीं करनी चाहिए

एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) के निवेशकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इसकी वजह यह है कि केंद्र में सरकार बदलने का असर मार्केट पर थोड़े समय से लिए पड़ता है। इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy) की सेहत मजबूत है। जहां दुनिया में दूसरी इकोनॉमी संकट में दिख रही हैं वही इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ सबसे तेज है। इसलिए स्टॉक मार्केट (Stock Markets) के प्रदर्शन को लेकर चिंता की कोई वजह नहीं है। आगे मार्केट का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। 4 जून को आई गिरावट सिर्फ चुनावों के नतीजों पर मार्केट की फौरी प्रतिक्रिया है।

SIP बंद नहीं करने की सलाह

अगर आप SIP के जरिए म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीमों में निवेश कर रहे हैं तो आपको अपना सिप बंद नहीं करना चाहिए। लंबी अवधि के निवेशकों को मार्केट में आई गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है। हर बार गिरावट के बाद मार्केट में जल्द रिकवरी आती है। सबसे बड़ा उदाहरण 2020 में कोरोना की महामारी है। मार्च के तीसरे हफ्ते में मार्केट में बड़ी गिरावट आई थी। छोटे-बड़े शेयरों की कीमतें अपने पीक से 60-70 फीसदी तक गिर गई थीं। लेकिन, कुछ ही महीनों के बाद मार्केट ने शानदार रिकवरी दिखाई। जिन निवेशकों ने लो लेवल पर निवेश किया था, उन्हें मोटी कमाई थी। खासकर गिरावट के दौरान अपने सिप को जारी रखने वाले इनवेस्टर्स सबसे ज्यादा फायदे में थे।

मार्केट में गिरावट से नुकसान नहीं

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपको अभी पैसे की जरूरत नहीं है तो आपको म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम से पैसे नहीं निकालने चाहिए। इससे आपको बड़ा लॉस होगा। कुछ ही हफ्तों में मार्केट में अच्छी रिकवरी दिखेगी, जिसके बाद म्यूचुअल फंड की स्कीम से पैसे निकाले जा सकते हैं। मार्केट में बड़ी गिरावट आने पर म्यूचुअल फंड के सिप निवेशकों के लिए इनवेस्टमेंट की एवरेज कॉस्ट घट जाती है। उन्हें हर महीने ज्यादा यूनिट्स एलॉटहोते हैं। इसका फायदा कुछ महीनों बाद दिखता है तो जब मार्केट रिकवरी के बाद तेजी के रास्ते पर होता है।

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