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SEBI ने म्यूुचुअल फंड निवेशकों के लिए KYC प्रोसेस को आसान बनाया, NRIs के लिए भी बड़ी राहत

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्यूचुअल फंड इनवेस्टर्स को राहत दी है। इसके तहत, सेबी ने केवाईसी (KYC) प्रोसेस को आसान बनाने के लिए उपाय किए हैं। इन उपायों से खास तौर पर उन निवेशकों को मदद मिलेगी जिनका KYC स्टेटस ‘होल्ड’ पर है। साथ ही, NRI इनवेस्टर्स को भी इसका फायदा मिलेगा। सेबी के इन उपायों के क्या मायने हैं,हम इस बारे में यहां विस्तार से बता रहे हैं।

पैन-आधार लिंकेज

सेबी ने कहा है कि अगर आपका पैन नंबर आपके आधार से लिंक्ड नहीं भी है, तो आपका KYC खारिज नहीं होगा और न ही इसे ‘होल्ड’ पर रखा जाएगा, बशर्ते आपका नाम, पैन, ईमेल एड्रेस या मोबाइल नंबर वैलिड हो। इसका मतलब है कि पैन-आधार लिकेंज पेंडिंग रहने की वजह से जिन लोगों का KYC ‘होल्ड’ पर है, उनका स्टेटस बदलकर ‘रजिस्टर्ड’ हो जाएगा।

म्यूचुअल फंड KYC

अगर KYC स्टेटस ‘रजिस्टर्ड’ है, तो आप उन फ्रेश म्यूचुअल फंड्स में इनवेस्ट नहीं कर सकते हैं, जिनमें आपने पहले निवेश नहीं किया है। तमाम फंड हाउसों में निवेश करने के लिए आपके KYC का स्टेटस ‘वैलिडेटेड’ होना जरूरी है। KYC की चार कैटेगरी होती है:

1. वैलिडेटेड (आधार के जरिये KYC, मोबाइल और ईमेल वैलिडेशन- आप किसी भी फंड में निवेश कर सकते हैं),

2. रजिस्टर्ड (बिना आधार वाला KYC, मोबाइल या ईमेल से वैलिडेटेड- आप सिर्फ उन फंड हाउसों में निवेश कर सकते हैं जिनमें आपने पहले से निवेश कर रखा है और अगर आपको नए फंड हाउसों में निवेश करना है, तो आपके फिर से KYC देना होगा।

3. ऑन होल्ड (पैन-आधार लिंकेज नहीं है या ईमेल-फोन नंबर सही नहीं हैं- ऐसे में आप म्यूचुअल फंड से जड़ा कोई ट्रांजैक्शन नहीं कर सकते और आपको फिर से अपना KYC करना होगा ।

इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक, पैन-आधार लिंकेज जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर ज्यादा टीडीएस (20 पर्सेंट) कटेगा। आप पैन ऑपरेशन में नहीं रहेगा और आप अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाएंगे।

KYC ‘होल्ड’ पर रहने की स्थिति में भी रिडेम्प्शन मुमकिन

पहले, अगर आपकी KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी आपका मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी वेरिफाई नहीं कर सकती, तो आपका KYC स्टेटस होल्ड पर चला जाता था। इसका मतलब यह है कि आप न तो इनवेस्ट कर सकते थे और न ही रिडीम। अब सेबी ने कहा है कि जिन इनवेस्टर्स का ‘होल्ड’ पर है, वे अपना इनवेस्टमेंट रिडीम कर सकते हैं। हालांकि, म्यूचअल फंड इसमें कुछ ड्यू डिलिजेंस कर सकता है, ताकि पैसा सही आदमी तक पहुंच सके।

NRIs के लिए राहत

NRI इनवेस्टर्स के पास आधार कार्ड नहीं रहने पर भी वे तमाम फंड हाउसों में निवेश कर सकते हैं। सेबी ने यह छूट इसलिए दी है, क्योंकि कई NRI ने शिकायत की थी कि आधार के अभाव में उनका KYC स्टेटस ‘रजिस्टर्ड’ माना गया है और इस वजह से वे फ्रेश फंड हाउस में निवेश नहीं कर पा रहे हैं। चूंकि NRIs के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है लिहाजा कई NRIs के पास आधार कार्ड नहीं है। सेबी के हालिया निर्देशों के मुताबिक, नॉन-रेजिडेंट इनवेस्टर्स उन फंड हाउसों में भी निवेश कर पाएंगे, जिनमें उन्होंने फिलहाल निवेश कर रखा है। यह छूट 30 अप्रैल 2025 तक दी गई है।

ईमेल या मोबाइल

सेबी ने निवेशकों को एक और राहत देते हुए कहा है कि अब निवेशक के मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी, किसी एक चीज के वेरिफिकेशन से भी काम चल जाएगा। इससे पहले KYC स्टेटस ‘वैलिडेटेड’ (अगर आपने एड्रेस प्रूफ के तौर पर आधार दिया हो) या ‘रजिस्टर्ड’ ( अगर आपने कोई अन्य एड्रेस प्रूफ दिया हो) रखने के लिए दोनों का वेरिफिकेशन जरूरी था। अब अगर मोबाइल या ईमेल में से किसी एक चीज के वेरिफिकेशन के आधार पर आपका KYC वैलिडेटेड/रजिस्टर्ड हो सकता है।

निवेशकों को चिट्ठी

कई निवेशकों को अपने KYC के ठीक-ठीक स्टेटस के बारे में पता नहीं होता है। AMFI के CEO वेंकट नागेश्वर चलसानी ने मनीकंट्रोल को बताया कि जल्द ही रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट जल्द ही इनवेस्टर्स को ईमेल भेजकर उन्हें KYC स्टेटस के बारे में अपडेट भेजेंगे। इस चिट्ठी में यह भी बताया जाएगा कि नए निर्देशों के क्या मायने हैं और अपने KYC को वैलिडेट करने के लिए निवेशकों को क्या करना होगा।

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