विश्व

SDG प्राप्ति के लिए साहसिक नीतियों, नवाचारी समाधानों की पुकार

यूएन उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने सोमवार को, न्यूयॉर्क में टिकाऊ विकास के लिए, वर्ष 2024 के उच्च स्तरीय राजनैतिक मंच (HLPF) में अपनी बात रखते हुए, निर्धनता, खाद्य असुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसी अहम वैश्विक चुनौतियों का मुक़ाबला करने के लिए रूपान्तरकारी कार्रवाइयों और साहसिक नीतियों की पुकार लगाई.

उन्होंने इस मंच के लिए यूए मुख्यालय में एकत्र प्रतिनिधियों से मुख़ातिब होते हए कहा, “वैसे तो हमारे सामने दरपेश विशाल चुनौतियाँ भयानक हैं, मगर हम सभी एक साथ मिलकर उन पर पार पा सकते हैं, एक शान्तिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ भविष्य हासिल कर सकते हैं, जिसकी लोगों को केवल ज़रूरत ही नहीं, बल्कि उन्हें उसका हक़ है.”

2024 का मंच

टिकाऊ विकास के लिए उच्च स्तरीय राजनैतिक मंच (HLPF) का आयोजन, संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक व सामाजिक परिषद (ECOSOC) करती है और इस वर्ष के इस मंच की थीम विभिन्न तरह के संकटों के बीच, टिकाऊ, सहनसक्षम, और नवाचारी समाधानों के ज़रिए निर्धनता उन्मूलन पर केन्द्रित है.

यह फ़ोरम 8 जुलाई को शुरू होकर 17 जुलाई तक चलेगा जिसमें इन टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी: निर्धनता उन्मूलन पर लक्ष्य-1, शून्य खाद्य असुरक्षा पर लक्ष्य-2, जलवायु कार्रवाई पर लक्ष्य-3, शान्तिपूर्ण और समावेशी समाजों पर लक्ष्य-16 और क्रियान्वयन के साधनों को मज़बूत किए जाने पर लक्ष्य-17.

सटीक चर्चाएँ

संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक व सामाजिक परिषद – ECOSOC की अध्यक्ष पाउला नरवाएज़ ने इस फ़ोरम को सम्बोधित करते हुए, विकासशील देशों के सामने दरपेश चुनौतियों को रेखांकित किया और शान्ति व स्थिरता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, विशेष रूप में टकराव प्रभावित इलाक़ों में.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस फ़ोरम में होने वाली आम चर्चा, 2023 में हुए एसडीजी सम्मेलन को, इस वर्ष सितम्बर में होने वाले भविष्य सम्मेलन के लिए उपयोगी बनाने पर केन्द्रित रहेगी.

पाउला नरवाएज़ ने समावेशी, विशेष रूप में युवजन और हाशिए पर रहने वाले लोगों की भागेदारी, और टिकाऊ विकास की प्राप्ति के लिए, लैंगिक नज़रिए की व्यापकता की महत्ता पर भी ज़ोर दिया.

संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक व सामाजिक परिषद (SCOSOC) की अध्यक्ष पाउला नरवाएज़ (स्क्रीन पर), 8 जुलाई को उच्च स्तरीय राजनैतिक मंच (HLPF) को सम्बोधित करते हुए.

आत्म मन्थन का क्षण

उप महासचिव आमिना मोहम्मद ने, सितम्बर में होने वाले भविष्य सम्मेलन के सन्दर्भ में, 2030 के टिकाऊ विकास एजेंडा की प्राप्ति की दिशा में किस तरह बढ़त बनाई जाए, इस बारे में आत्म मन्थन की महत्ता को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा, “यह सम्मेलन, दरके हुए विश्वास को बहाल करने के लिए एक पीढ़ी में मिलने वाला अदभुद अवसर है, और यह अन्तरराष्ट्रीय सहयोग व इनसानी एकजुटता का प्रदर्शन करता है – जोकि हमें आगे की तरफ़ ले जा सकते हैं.”

… और समाधान तलाश करें

यूएन उप महासचिव ने, अपने सम्बोधन में, वैश्विक समुदाय के सामने दरपेश बहुकोणीय चुनौतियों को भी रेखांकित किया, जिनमें निर्धनता से लेकर जलवायु परिवर्तन – युद्ध से लेकर लिंग-आधारित हिंसा तक शामिल हैं.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह निराशाजनक तथ्य कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों के केवल 20 प्रतिशत ही, प्राप्ति की दिशा में सही मार्ग पर हैं, ये स्थिति हम सभी को अस्वीकार्य होनी चाहिए.

उप महासचिव ने कहा, “मगर ये स्थिति लचीली भी है.. इसी बारे में बात करने के लिए यह फ़ोरम आयोजित किया जाता है – ऐसे समाधान व राजनैतिक इच्छाशक्ति की तलाश करने के लिए, जिसके ज़रिए अरबों लोगों की ज़िन्दगियों में, कथनी को करनी में तब्दील किया जा सके.”

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