भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर (T Rabi Sankar) का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है। मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी। बीपी कानूनगो के रिटायरमेंट के बाद मई 2021 में शंकर को डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। डिप्टी गवर्नर के रूप में अपने रोल से पहले शंकर RBI के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स में से एक थे। RBI में शंकर डिपार्टमेंट ऑफ करेंसी मैनेजमेंट, एक्सटर्नल इनवेस्टमेंट और ऑपरेशन, गवर्नमेंट और बैंक अकाउंट्स, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम जैसे अहम पोर्टफोलियो संभालते हैं।
इसके अलावा टी रबी शंकर फॉरेन एक्सचेंज डिपार्टमेंट, इंटरनल डेट मैनेजमेंट डिपार्टमेंट और सूचना का अधिकार भी संभालते हैं। रबी शंकर एक कैरियर सेंट्रल बैंकर हैं जो 1990 में आरबीआई में शामिल हुए और उन्होंने केंद्रीय बैंक में कई पदों पर काम किया है। एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में अपनी पिछली भूमिका में शंकर आरबीआई में पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम, डिपार्टमेंट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, फिनटेक और रिस्क मॉनिटरिंग डिपार्टमेंट का काम संभाल रहे थे।
शंकर की एक्सपर्टाइज एक्सचेंज रेट मैनेजमेंट, रिजर्व पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, पब्लिक डेट मैनेजमेंट, मॉनेटरी ऑपरेशन और डेवलपमेंट, फाइनेंशियल मार्केट्स का रेगुलेशन और सर्विलांस, पेमेंट सिस्टम और आईटी इन्फ्रॉस्ट्रक्चर में हैं। रबी शंकर ने गवर्नमेंट बांड मार्केट्स और डेट मैनेजमेंट के डेवलपमेंट पर IMF कंसल्टेंट (2005-11) के रूप में काम किया है। उन्होंने बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स और कई इंटरनल और एक्सटर्नल एक्सपर्ट कमेटी और वर्किंग ग्रुप जैसे इंटरनेशनल फोरम पर RBI को रिप्रेजेंट किया है।
RBI में अपने प्रोफेशनल करियर के अलावा शंकर इंडियन फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी एंड एलाइड सर्विसेज (IFTAS) के चेयरमैन, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के मेंबर, ReBIT और गवर्निंग काउंसिल IDRBT के सदस्य हैं। रबी शंकर ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली से इकोनॉमिक्स में मास्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि प्राप्त की है।
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