Ram Mandir Ayodhya: राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के 2,000 फीट नीचे एक ‘टाइम कैप्सूल’ (Time Capsule) रखेगा। टाइम कैप्सूल में राम जन्मभूमि का विस्तार के साथ पूरा इतिहास होगा। ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार, क्षेत्र पर भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए कैप्सूल को साइट के नीचे रखा जाएगा। इस कदम को ‘राम मंदिर’ के इतिहास के अलग-अलग पहलुओं को लेकर भविष्य में होने वालीं बहस से बचने और एक शिक्षा के लिहाज से देखा जा रहा है।
टाइम कैप्सूल सूचनाओं और जानकारियों का एक ऐतिहासिक भंडार है। इसका इस्तेमाल भविष्य के लोगों के साथ कम्युनिकेशन करने के एक तरीके और भविष्य के पुरातत्वविदों या इतिहासकारों की मदद के लिए किया जाता है।
टाइम कैप्सूल की मदद से आने वाली पीढ़ियां किसी विशेष युग, समाज और देश के बारे में जानकारी हासिल कर सकती हैं। आमतौर पर टाइम कैप्सूल इमारतों की नींव में रखे जाते हैं।
राम मंदिर के टाइम कैप्सूल में क्या मैसेज होगा?
टाइम कैप्सूल में अयोध्या, भगवान राम और उनके जन्म स्थान के बारे में संस्कृत में एक मैसेज लिखा होगा। टाइम कैप्सूल को साइट के नीचे रखने से पहले एक तांबे की प्लेट या ‘ताम्र पत्र’ के अंदर रखा जाएगा। ट्रस्ट के अनुसार, संस्कृत को इसलिए चुना गया, क्योंकि कोई भी इस भाषा में कम शब्दों में लंबे वाक्य लिख सकता है।
गौरतलब है कि भूमि पूजन के दिन टाइम कैप्सूल नहीं रखा गया था, क्योंकि इसे तैयार होने में समय लगता है। कम से कम शब्दों में सटीक जानकारी और संदेश लिखने के लिए विशेषज्ञों से संपर्क किया गया है।
टाइम कैप्सूल एल्यूमीनियम, स्टेनलेस स्टील या तांबे जैसी धातुओं से बनाया जाता है और संदेश एसिड-मुक्त कागज पर लिखा जाता है ताकि कागज हजारों वर्षों के बाद भी सड़ न जाए। टाइम कैप्सूल कंटेनर 3 फीट लंबा है और जमीन के अंदर गहराई में दबा हुआ है।
30 नवंबर 2017 को, स्पेन के बर्गोस में ईसा मसीह की मूर्ति के अंदर एक 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल पाया गया, जिसमें साल 1777 की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारी थी। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह अब तक मिला सबसे पुराना टाइम कैप्सूल है।
मंदिर ट्रस्ट, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की गेस्ट लिस्ट में 7,000 से ज्यादा लोग हैं, जिनमें राजनेता, बॉलीवुड हस्तियां, क्रिकेटर, उद्योगपति और बहुत से बड़े लोगों के नाम शामिल हैं।