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Ram Mandir: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन मुस्लिम परिवार में हुआ बच्चे का जन्म, नाम रखा गया ‘राम रहीम’

Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या (Ayodhya) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) के दिन सोमवार को फिरोजाबाद (Firozabad) में एक मुस्लिम परिवार में जन्मे बच्चे का नाम भगवान राम (Lord Ram) के नाम पर रखा गया। वहीं संभल जिले के चंदौसी में एक अस्पताल के डिलीवरी रूम में भगवान राम का एक छोटा सा मंदिर बनाया गया है। फिरोजाबाद के महिला अस्पताल में मुस्लिम परिवार के यहां जन्मे एक बच्चे का नाम ‘राम रहीम’ (Ram Rahim) रखा गया है।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, महिला अस्पताल के प्रभारी चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर नवीन जैन ने बताया, “गर्भवती महिला का नाम फरज़ाना है और आज उसने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे की दादी हुस्न बानो ने उसका नाम राम रहीम रखा है।”

बानो ने कहा कि उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देने के लिए बच्चे का नाम राम रहीम रखा है।

डिलीवरी रूम में बनाया छोटा सा राम मंदिर

वहीं प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर संभल जिले के चंदौसी में स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम के डिलीवरी रूम में एक छोटा सा राम मंदिर बनाया गया है। सोमवार को गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पहले भगवान राम के दर्शन कराए गए।

नर्सिंग होम की डॉक्टर वंदना सक्सेना ने बताया, “आज अयोध्या में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर उन्होंने अपने नर्सिंग होम के प्रसूति कक्ष, नवजात शिशु कक्ष को भगवा रंग से सजाया है। साथ ही नवजात कक्ष में एक लघु भगवान श्री राम का मंदिर भी बनाया गया है।”

उन्होंने बताया कि हिंदू गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी से पहले श्री राम की पूजा-अर्चना कराई जा रही है और उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया जा रहा है।

डॉक्टर वंदना ने बताया, “अस्पताल में सोमवार को कुल छह बच्चों का जन्म हुआ, जिनमें तीन लड़के हैं। उनके नाम भगवान राम के नाम पर रखे गए हैं। साथ ही कन्याओं के नाम जानकी और सीता रखे गए हैं।”

एक नवजात शिशु के पिता मान सिंह ने बताया, “आज बड़ी खुशी का दिन है। उनके घर तो बेटे के रूप में भगवान राम आए हैं। इसीलिए उन्होंने अपने बेटे का नाम राम रखा है।”

22 जनवरी को मां बनना चाहती थीं महिलाएं

दरअसल राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए, जब कई गर्भवती महिलाओं ने 22 जनवरी को अपने बच्चे की डिलीवरी कराने की मांग रखी थी।

अयोध्या की ही कई अस्पतालों में ऐसे मामले सामने आए थे। डॉक्टरों ने बताया था कि जिन महिलाओं की डिलीवरी डेट जनवरी महीने की है, उन्होंने खासतौर से ये अपील की थी कि उनकी बच्चे का जन्म रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख यानि 22 जनवरी को हो।

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