अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए रामभक्तों का सैलाब उमड़ा है। सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले ही दिन सुबह रामलला की पहली आरती हुई। राम लला के दर्शन के लिए सात लाख से ज्यादा भक्त अयोध्य़ा पहुंच गए। भक्तों की इतनी भारी भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया, सारे इंतजाम कम पड़ गए। दिन में कई बार भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, इसलिए मंदिर के पट बंद करने पड़े। दर्शन पूजन रोकना पड़ा। आठ हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती कम पड़ने लगी तो उत्तर प्रदेश पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारी अयोध्या पहुंचे। जब योगी आदित्यनाथ को ये खबर लगी कि अयोध्या में भक्तों की भीड़ ज्यादा है, कोई दुर्घटना हो सकती है तो योगी बिना देर किए पैंतालीस मिनट के भीतर खुद अयोध्या पहुंच गए, खुद मोर्चा संभाला, सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया, अफसरों के साथ मीटिंग की, फिर भक्तों से संयम बरतने की अपील की। इसके बाद हालात काबू में आए लेकिन दोपहर तक अयोध्या से जो तस्वीरें आ रही थी वो वाकई में हैरान करने वाली थी। न सरकार को, न प्रशासन को, न श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को इतनी भारी संख्या में भक्तों के पहुंचने की उम्मीद की थी लेकिन योगी की अपील के बाद लोगों ने धैर्य दिखाया। रामभक्तों ने कहा कि वो बिना दर्शन के वापस नहीं लौटेंगे, राम की नगरी में ही रहेंगे, अपनी बारी का इंतजार करेंगे, भले ही दो-तीन दिन लग जाएं। लेकिन दर्शन करने के बाद ही घर वापस जाएंगे।
आस्था के इस सैलाब को देखकर अब उन नेताओं में, उन पार्टियों में भी खलबली है जो अब तक रामलला के मंदिर के उद्घाटन का विरोध कर रहे थे, जो रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को अशुभ बता रहे थे। मंगलवार पौ फटने से पहले ही राम मंदिर परिसर के बाहर भीड़ का एकत्र होना शुरू हो चुका था। प्रशासन ने भक्तों को बाहर रोक दिया, सुबह जबरदस्त सर्दी थी, कोहरा था, तापमान सात डिग्री से भी कम था, लेकिन रामभक्तों के जोश में कोई कमी नहीं थी। हजारों लोग दर्शन के लिए अपनी बारी के इंतजार में राम मंदिर की तरफ टकटकी लगाये हुए थे। हजारों की इस भीड़ में बुजुर्ग भी थे, महिलाएं भी थीं और नौजवान भी थे। चेन्नई, नासिक, भोपाल, रामेश्वरम, कोलकाता, गुवाहाटी, हरिद्वार और देश के कई अन्य शहरों से लोग दर्शन करने आए हुए थे। मंगलवार को सात लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए। राममंदिर के चारों प्रवेश द्वारों पर, रामलला मंदिर से लेकर लता चौक तक, सिर्फ रामभक्तों के सिर ही सिर दिखाई दे रहे थे। अयोध्या की हर सड़क पर भक्तों का सैलाब था, ट्रैफिक बंद हो गया, सारी व्यवस्थाएं चरमरा गईं, पुलिस ने रास्तों पर लोहे के बैरीकेड्स रख दिए।
मंदिर के गर्भगृह में रामलला की नई मूर्ति के बिल्कुल नीचे रामलला की पुरानी मूर्ति का विग्रह भी स्थापित है। सोने के सिंहासन पर विराजमान रामलला की दोनों मूर्तियों की रामनंदी परंपरा के मुताबिक आरती पूजा हुई। चूंकि रामलला के नए विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूजन आरती के लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है, इसलिए नई सैतालीस पेज की पूजन विधि पुस्तिका जारी की गई है। इसमें पूजा, भोग, प्रसाद, आरती के सारे विधान बताए गए हैं। योगी आदित्यनाथ को इस बात का अंदाज़ा था कि रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंचेंगे। उन्होंने दो दिन पहले लोगों से हाथ जोड़कर अपील की थी कि वो बिना बताए अयोध्या नगरी न आएं। पैदल न आएं, आराम से आएं ताकि सबके दर्शन के लिए ठीक से इंतजाम किए जा सकें। लेकिन पूरे देश में भगवान राम के मंदिर को लेकर जिस तरह का उत्साह है, रामलला का दर्शन करने की ललक है, उसको देखते हुए इतनी बडी संख्या में लोगों का वहां पहंचना स्वभाविक है। पर मंदिर अभी नया बना है, कल ही प्राण प्रतिष्ठा हुई है, अयोध्या में सारे इंतजामात नए हैं, इसलिए प्रशासन को भी अंदाजा नहीं है कि कहां कहां कमी हैं, क्या क्या और करना है और एक साथ लाखों भक्त पहुंच जाएंगे, इसकी उम्मीद वहां के अफसरों ने नहीं की थी। इसलिए पहले दिन तमाम तरह की मुश्किलात पेश आईं। भक्तों को दिक्कत हुई और प्रशासन को भी। लेकिन ये बड़ी बात है कि राम भक्तों के सैलाब को देखकर, राम मंदिर में भगदड़ की स्थिति को देखकर योगी आदित्यनाथ बिना देर किए सारा कामकाज छोड़कर खुद अयोध्या पहुंच गए। ये योगी का स्टाइल है जिसे लोग पसंद करते हैं। (रजत शर्मा)
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