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Pune Car Accident: अदालत ने आरोपी किशोर के पिता और पांच को 7 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा

पुणे की एक अदालत ने शुक्रवार को पोर्श दुर्घटना मामले में 17 साल के आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल समेत छह लोगों को सात जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुणे के कल्याणी नगर में रविवार तड़के कथित तौर पर पोर्श कार चला रहे, नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गयी थी। पुलिस ने दावा किया कि किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था।

अभियोजन पक्ष ने आगे की जांच के लिए उनकी पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध किया था। हालांकि, अदालत ने अग्रवाल और शराब परोसने वाले दो प्रतिष्ठानों के मालिक और कर्मचारियों समेत अन्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

मामले को पलटने की हुई कोशिश

किशोर ने अपनी पोर्श कार से मोटरसाइकिल पर सवार दो सॉफ्टवेयर पेशेवरों को कुचलने से पहले इन जगहों पर कथित तौर पर शराब पी थी।

इससे पहले दिन में, पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा था कि ऐसा दिखाने की कोशिश की गई कि 19 मई को दुर्घटना के समय नाबालिग कार नहीं चला रहा था और कोई वयस्क व्यक्ति कार चला रहा था।

अग्रवाल और बाकी पांच आरोपियों को उनकी पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.पी. पोंक्षे के सामने पेश किया गया।

शराब परोसने के आरोप में मामला दर्ज

दूसरे आरोपियों में कोसी रेस्टोरेंट के मालिक नमन भुटाडा और इसके मैनेजर सचिन काटकर और ब्लैक क्लब के मैनेजर संदीप संगाले और इसके कर्मचारी जयेश गावकर और नीतेश शेवानी शामिल हैं।

रियल एस्टेट डेवलपर अग्रवाल को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत गिरफ्तार किया गया था, जबकि बाकी पर एक कम उम्र के व्यक्ति को शराब परोसने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

FIR के मुताबिक, ये जानने के बावजूद कि उनके बेटे के पास गाड़ी चलाने के लिए वैध लाइसेंस नहीं है, 50 साल के अग्रवाल ने उसे कार दे दी और जब अग्रवाल को पता था कि वो शराब पीता है, तब भी बेटे को पार्टी करने की इजाजत दी।

बैंक अकाउंट की डिटेल जानना चाहती पुलिस

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने पुलिस हिरासत बढ़ाने का अनुरोध करते हुए अदालत को बताया कि किशोर ने उस रात कोसी रेस्टोरेंट में 47,000 रुपए का बिल चुकाया था और पुलिस उस बैंक अकाउंट की डिटेल जानना चाहती है, जिससे पेमेंट किया गया था।

अभियोजक ने कहा कि पोर्श कार के रजिस्ट्रेशन के लिए RTO फीस न भरने पर अग्रवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी) को जोड़ा गया है।

अग्रवाल के वकील प्रशांत पाटिल और दूसरे आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील एस.के. जैन ने दलील दी कि पुलिस हिरासत की कोई जरूरत नहीं है। दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने सभी छह आरोपियों को सात जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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