
द्रौपदी मुर्मू
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इन दिनों झारखंड के तीन दिवसीय दौरे हैं। इन दौरान वह कार्यक्रमों में भी भाग ले रही हैं। उन्होंने बुधवार को रांची में करीब 550 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन का उद्घाटन किया। नए उच्च न्यायालय का 165 एकड़ परिसर क्षेत्र के मामले में देश में सबसे बड़ा है।
इस अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। एक अधिकारी ने कहा कि नए उच्च न्यायालय भवन में 25 वातानुकूलित अदालत कक्ष और वकीलों के लिए 1,200 लोगों के बैठने की क्षमता वाले दो हॉल और 540 कक्ष हैं।
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने देवघर, झारखंड में बाबा बैद्यनाथ धाम में दर्शन किए और सभी देशवासियों के कल्याण हेतु प्रार्थना की। साथ ही उन्होंने रांची में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा और परमवीर चक्र विजेता लांस नायक अल्बर्ट एक्का की प्रतिमाओं पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
अदालतों के आदेश को लागू करना सुनिश्चित करें केंद्र व सीजेआई: मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि कभी-कभी अदालती आदेश लागू नहीं होते। सरकार और भारत के मुख्य न्यायाधीश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों को सही मायने में न्याय मिले। यहां झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि अनुकूल फैसला आने के बाद भी लोगों की खुशी कभी-कभी अल्पकालिक होती है, क्योंकि अदालत के आदेश लागू नहीं हो पाते। राष्ट्रपति ने हिंदी में बोलने के लिए सीजेआई की सराहना करते हुए कहा कि न्याय की भाषा समावेशी होनी चाहिए। मुर्मू ने कहा कई बार, न्याय की महंगी प्रक्रिया इसे आम लोगों की पहुंच से दूर कर देती है।

