चुनाव में निर्वाचन आयोग और तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी भूमिका का ईमानदारी पूर्वक निर्वाहन किया। इस सबके बावजूद भी देश में पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत कम रहा। जिसको लेकर निर्वाचन आयोग को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। हालांकि, मतदान प्रतिशत कम रहने का भीषण गर्मी भी प्रमुख कारण बताई जा रही है।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सातवें चरण में मतदान के साथ ही सभी 543 सीटों पर चुनाव संपन्न हो गया है। चुनाव में निर्वाचन आयोग और तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी भूमिका का ईमानदारी पूर्वक निर्वाहन किया। इस सबके बावजूद भी देश में पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत कम रहा। जिसको लेकर निर्वाचन आयोग को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। हालांकि, मतदान प्रतिशत कम रहने का भीषण गर्मी भी प्रमुख कारण बताई जा रही है। पिछले चुनाव की तुलना में 2024 के आम चुनाव में सोशल मीडिया और खासकर यूट्यूब की प्रमुख भूमिका रही।
प्रचार के दौरान नेताओं ने अपने विरोधियों पर निजी हमले करने में कोई गुरेज नहीं किया। चुनाव परिणाम आने के बाद राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम पर सवाल उठाने की संभावना भी देखी जा रही है। इस चुनाव में बीजेपी की प्रमुख रणनीति दक्षिण के राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत करने की रही। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी का पूरा तंत्र जुटा रहा। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे अधिक रैलियां कीं और सभाओं को संबोधित भी किया।
तो वहीं कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े चेहरे राहुल गांधी ने भी इस चुनाव में बढ़-चढ़कर जनसभाओं को संबोधित किया। देश में घूम-घूम कर इकट्ठे किए गए आंकड़ों के मुताबिक प्रभासाक्षी की टीम ने देश में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने की संभावना जताई है। जिसके मुताबिक भाजपा अकेले दम पर 315 से 335 और एनडीए के साथ मिलकर 370 से अधिक सीटें जीत सकती है।
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