उद्योग/व्यापार

Power Consumption : बिजली की खपत FY23 के पहले 10 माह में 7.5% बढ़ी, जानिए डिटेल

देश की बिजली की खपत (Power Consumption) मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 10 महीने (अप्रैल-जनवरी) के दौरान सालाना आधार पर 7.5 फीसदी बढ़ गई है। इस दौरान देश का पावर कंजप्शन 1354.97 अरब यूनिट (बीयू) रहा। यह देशभर में इकोनॉमिक एक्टिविटी में तेजी का संकेत है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बिजली की खपत 1,259.49 अरब यूनिट थी। पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली की खपत 1505.91 अरब यूनिट रही थी। ये आंकड़ें सरकार की ओर से जारी किए गए हैं।

एक्सपर्ट्स की राय

एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि देश में बिजली की खपत में 7.5 फीसदी की बढ़त का मतलब है कि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 10 माह में इकोनॉमिक एक्टिविटी में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में बिजली की खपत मुख्य रूप से आर्द्र मौसम और त्योहारी सीजन से पहले इंडस्ट्रियल एक्टिविटी में तेजी से बढ़ी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इकोनॉमिक एक्टिविटी में सुधार और शीत लहर की स्थिति के कारण फरवरी में भी बिजली की खपत में स्थिर ग्रोथ होगी।

सरकार ने जनवरी में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमान में 2023-24 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.3 फीसदी रहने की बात कही है। आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में बिजली की खपत 126.30 अरब यूनिट की तुलना में 5.4 फीसदी बढ़कर 133.18 अरब यूनिट हो गई। एक दिन में पूरी की गई अधिकतम बिजली की मांग जनवरी में बढ़कर 222.32 गीगावाट हो गई। जनवरी 2023 में अधिकतम बिजली आपूर्ति 210.72 गीगावाट और जनवरी 2022 में 192.18 गीगावॉट थी।

जनवरी में मांग में हुआ सुधार

एक्सपर्ट्स ने कहा कि जनवरी में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग में भी सुधार हुआ क्योंकि इस महीने खास तौर से उत्तर भारत में पारा तेजी से गिरा। शीत लहर के कारण हीटर, ब्लोअर और गीजर जैसे गर्मी प्रदान करने वाले इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल बढ़ गया, जिससे कुल बिजली की मांग में सुधार हुआ। बिजली मंत्रालय ने अनुमान लगाया था कि 2023 में गर्मियों के दौरान देश में बिजली की मांग 229 गीगावाट तक पहुंच जाएगी। बेमौसम बारिश के कारण अप्रैल-जुलाई में मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंची।

हालांकि, अधिकतम आपूर्ति जून में 224.1 गीगावाट की नई ऊंचाई को छू गई, लेकिन जुलाई में यह गिरकर 209.03 गीगावाट पर आ गई। अगस्त में अधिकतम मांग 238.82 गीगावाट तक पहुंच गई। सितंबर 2023 में यह 243.27 गीगावाट थी। अक्टूबर में अधिकतम मांग 222.16 गीगावाट, नवंबर में 204.77 गीगावाट और दिसंबर में 213.62 गीगावाट थी।

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