प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को अपने इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के साथ इजरायल-हमास संघर्ष (Israel Hamas War) पर ‘सार्थक’ बातचीत की, जिसमें क्षेत्र में समुद्री यातायात की सुरक्षा पर ‘साझा चिंताएं’ भी शामिल थीं। फोन पर हुई बातचीत में मोदी ने ‘वार्ता और कूटनीति’ के जरिए सभी बंधकों की रिहाई के साथ-साथ प्रभावित लोगों को मानवीय सहायता जारी रखने सहित संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री से टेलीफोन पर बात की और उन्हें इजरायल-हमास संघर्ष में हाल के घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने समुद्री यातायात की सुरक्षा के संबंध में चिंताओं को साझा किया।
PMO के अनुसार, “प्रधानमंत्री ने प्रभावित आबादी के लिए मानवीय सहायता जारी रखने की आवश्यकता को दोहराया और बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सभी बंधकों की रिहाई सहित संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया।”
दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई।
बाद में मोदी ने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष पर विचारों का सार्थक आदान-प्रदान हुआ, जिसमें समुद्री यातायात की सुरक्षा पर साझा चिंताएं भी शामिल थीं।”
उन्होंने कहा, “प्रभावितों के लिए निरंतर मानवीय सहायता के साथ क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली के पक्ष में भारत के निरंतर रुख पर प्रकाश डाला।”
हमास की ओर से सात अक्टूबर को इजरायल पर किए गए भीषण हमले के बाद से इजरायल ने जवाबी हमले शुरू किए, जिसमें अब तक करीब 20,000 फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है जबकि लगभग 19 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।
इजरायल ने मंगलवार को दक्षिणी गाजा को निशाना बनाते हुए हमले किए, जिसमें 28 फलस्तीनियों की मौत हो गई। साथ ही इजरायल ने गाजा के उत्तरी हिस्से में एकमात्र संचालित अस्पताल पर भी छापेमारी की।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब इजरायली हमले में तीन बंधकों की मौत के बाद उस पर संघर्षविराम के लिए दबाव बढ़ रहा है। हालांकि, अमेरिका की तरफ से समर्थन बढ़ने के बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं।
भारत इस मामले में तनाव कम करने और फलस्तीन मुद्दे के द्विराष्ट्र समाधान की दिशा में सीधी शांति वार्ता जल्द बहाल करने के लिए स्थितियां बनाने का आह्वान करता रहा है। भारत ने हमास के आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी।
![](https://jara.news/wp-content/uploads/2021/12/Main_JARA_Final_logo-removebg-preview-removebg-preview.png)