फोनपे (PhonePe) के फाउंडर और CEO समीर निगम का कहना है कि फिनटेक कंपनी को अपने प्रतिद्वंद्वी कंपनी के कस्टमर्स का बड़ा हिस्सा मिल सकता है। हालांकि, उन्होंने प्रतिद्वंद्वी कंपनी का नाम नहीं लिया, लेकिन जाहिर तौर पर वह रिजर्व बैंक की कार्रवाई से पेटीएम पर हुए असर के बारे में बोल रहे थे।
मुंबई टेक वीक (Mumbai Tech Week) में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें फायदा होगा। अगर किसी इकाई को नुकसान है, तो हमें उसका कुछ हिस्सा मिलेगा। अगर मैं कहूं कि मुझे इसका कोई हिस्सा नहीं मिलेगा, तो आप हमें पाखंडी कहेंगे। अगर मैं कहूं कि मैं वह सभी हिस्सा हासिल करने की कोशिश करूंगा, तो आप मुझे अवसरवादी कहेंगे। लिहाजा, मैं दोनों के बीच में रहना चाहूंगा।’
निगम ने इस मौके पर फिटनेक कंपनियों के लिए रेगुलेटरी माहौल और अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी पर रिजर्व बैंक की कार्रवाई को लेकर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, ‘पिछले 8 साल में मैंने इंडस्ट्री में काफी कुछ सीखा है। साथ ही, काफी मुश्किलों का भी सामना किया है।’ निगम का कहना था कि अब तक उपलब्ध जानकारी के मुताबिक सवालों के घेरे में मौजूद कंपनी को जवाब देने के लिए काफी समय दिया गया। पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर रिजर्व बैंक की कार्रवाई को लेकर उनका कहना था, ‘ मैं सिर्फ उसी बयान के आधार पर बोल सकता हूं, जो रिजर्व बैंक की तरफ से आया है। ‘
रिजर्व बैंक ने 31 जनवरी को पेटीएम पमेंट्स बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगाने का ऐलान किया था। इसके तहत डिपॉजिट-क्रेडिट ट्रांजैक्शंस के साथ नए ग्राहक जोड़ने पर भी रोक लगाने की बात है। यह पाबंदी 29 फरवरी से लगाई गई थी, जिसकी समयसीमा बढ़ाकर अब 15 मार्च कर दी गई है।