Pakistan Says PoK Foreign Land: आखिरकार पाकिस्तान ने खुद ही यह स्वीकार कर लिया कि पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) उसका नहीं है। पाकिस्तान सरकार ने यह बात इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान स्वीकारा है। पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में कहा कि स्थानीय कश्मीरी कवि और पत्रकार अहमद फरहाद शाह पीओके में पुलिस की हिरासत में हैं और उन्हें पेश नहीं किया जा सकता है। उन्हें पेश क्यों नहीं किया जा सकता है, इसकी वजह जो पाकिस्तान सरकार ने बताई, वह चौंकाने वाला है और संभवत: यह पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान ने पीओके को विदेशी जमीन कहा है।
अपहरण मामले की हो रही सुनवाई
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट में स्थानीय कश्मीरी कवि और पत्रकार फरहाद के अपहरण से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही है। वह पिछले दो हफ्ते से गायब थे। फिर सामने आया कि पीओके में पुलिस ने उन पर दो केस दर्ज किए हैं। फरहाद का रावलपिंडी स्थित उनके आवास से अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद उनकी पत्नी ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में मामला दायर किया।
शुक्रवार की कार्यवाही के दौरान एडीशनल अटॉर्नी जनरल ने हाईकोर्ट को बताया कि फरहाद के खिलाफ पीओके के मुजफ्फराबाद और धीरकोट में कम से कम दो कानूनी मामले दर्ज हैं। फरहाद के वकील इमान मजारी का कहना है कि एडीशनल अटॉर्नी जनरल ने अदालत में स्वीकार किया कि फरहाद इस समय विदेशी भूमि पर है जिसके चलते उसे कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने लोगों के जबरन अपहरण को लेकर पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसियों की आलोचना की।
कश्मीर मामले में आया नया मोड़
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक हामिद मीर का कहना है कि कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है। पिछली सुनवाई में अदालत को बताया गया था कि अहमद फरहाद धिरकोट लॉक-अप में था लेकिन जब फरहाद की पत्नी और बच्चे धीरकोट गए तो वह वहां नहीं था। इसका मतलब है कि अटॉर्नी जनरल ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में झूठ बोला। इसके आगे उन्होंने कहा कि “फरहाद मामले ने कश्मीर के मुद्दे को एक नया आयाम दिया है। अब जब उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है, तो मैं पूछना चाहता हूं कि जब वहां महंगाई को लेकर प्रदर्शन हो रहे थे, तो वहां पाकिस्तान रेंजर्स वहां (पीओके) कैसे गए। पाकिस्तानी पत्रकारों और विशेषज्ञों का कहना है कि फरहाद के लापता होने के मामले ने कश्मीर के मुद्दे को एक नया आयाम दे दिया है।