पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) का कहना है कि 2024 के दौरान भारत में कच्चे तेल की मांग 2,28,000 बैरल रोजाना बढ़ने की उम्मीद है। मांग में यह बढ़ोतरी डीजल का इस्तेमाल बढ़ने के कारण होगी। ओपके के मुताबिक, त्योहार के अवसर पर ट्रांसपोर्ट गतिविधियों में बढ़ोतरी और एयर ट्रैवल में रिकवरी से भी 2024 में तेल की मांग को सहारा मिलेगा।
ओपेक ने अपनी मंथली ऑयल रिपोर्ट में कहा है, ‘डीजल के अलावा, सालाना त्योहारों की वजह से ट्रांसपोर्ट गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और इससे गैसोलीन की मांग भी बढ़ेगी। साथ ही, एयर ट्रैवल रिकवरी से जेट/किरासन की मांग बढ़ेगी।’ संगठन का अनुमान है कि इस साल की पहली छमाही में तेल की मांग औसतन 2,50,000 बैरल रोजाना बढ़ सकती है। ओपेक का कहना है कि बेहतर इकोनॉमिक ग्रोथ के कारण मांग में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ इस साल भारत में इनवेस्टमेंट और सर्विसेज से इकनॉमिक ग्रोथ को सहारा मिलेगा और मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।’ ओपेक का मानना है कि भारत में ऑयल की मांग में 2025 में बढ़ोतरी बनी रह सकती है। संगठन के मुताबिक, ऑयल डिमांड से मैन्युफैक्चरिंग और कारोबारी गतिविधियों में रफ्तार बनी रहेगी और ऑयल की मांग में 2,28,000 बैरल रोजाना की बढ़ोतरी हो सकती है।
ओपेक ने कहा है, ‘ मांग बढ़ने में सबसे ज्यादा योगदान डीजल का रहेगा। इसके बाद अन्य प्रोडक्ट्स की कैटगरी शामिल है। इसी तरह, ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल और पेट्रोकेमिकल आदि की मांग में भी तेजी बनी रहने का अनुमान है।’