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NPS में एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन करने पर काफी घट जाएगा आपका टैक्स, जानिए कैसे

इनकम टैक्स की नई रीजीम में ज्यादातर डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस का फायदा नहीं मिलता है। इसका अट्रैक्शन बढ़ाने के लिए कुछ टैक्स-बेनेफिट्स का लाभ इसमें भी टैक्सपेयर्स को देने का ऐलान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था। उदाहरण के लिए एंप्लॉयी के नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अगर एंप्लॉयर बेसिक पे और डीए का 10 फीसदी तक कंट्रिब्यूशन करता है तो उस पर टैक्स बेनेफिट मिलेगा। सरकार एंप्लॉयी के मामले में इस कंट्रिब्यूशन की सीमा 14 फीसदी है। पिछले कुछ सालों में एनपीएस की लोकप्रियता बढ़ी है। यह रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अच्छा सॉल्यूशन है। साथ ही कई सब्सक्राइबर्स इस स्कीम में मिलने वाले टैक्स-बेनेफिट्स की वजह से इसमें निवेश करते हैं।

एनपीएस की कॉर्पोरेट स्कीम में एंप्लॉयीज की ज्यादा दिलचस्पी नहीं

आइए समझते हैं एनपीएस में मिलने वाले टैक्स बेनेफिट्स का किस तरह मैक्सिमम फायदा उठाया जा सकता है। अगर आपका एंप्लॉयर आपकी बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी आपके एनपीएस अकाउंट में कंट्रिब्यूट करता है तो उस पर टैक्स छूट मिलेगी। कई एंप्लॉयीज इस टैक्स छूट का पूरा फायदा नहीं उठाते हैं। पिछले साल जून में पीएफआरडीए चैयरमैन दीपक मोहंती ने मनीकंट्रोल को बताया था कि एनपीएस के लिए काफी संभावनाएं हैं। लेकिन, अभी इसका कवरेज सीमित है।

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उन्होंने कहा था कि करीब 13,000 कंपनियों को एनपीएस से जोड़ा गया है। लेकिन, इन कंपनियों के एंप्लॉयीज की इसमें दिलचस्पी काफी कम है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों खासकर एंप्लॉयीज में एनपीएस को लेकर जागरूकता का अभाव है। एंप्लॉयीज को इसके फायदे में बारे में बताने पर उनकी दिलचस्पी इसमें बढ़ सकती है। कई एंप्लॉयीज को इसके फायदे और इसमें निवेश करने के तरीकों के बारे में ठीक से पता नहीं है।

एनपीएस में टैक्स डिडक्शंस

ऑल सिटीजंस मॉडल के तहत अगर आप एनपीएस में कंट्रिब्यूट करते हैं तो आप 80सी के तहत उपलब्ध डिडक्शंस का फायदा उठा सकते हैं। शर्त यह है कि यह फायदा सिर्फ इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में उपलब्ध है। अगर आप प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं तो बेसिक सैलरी और डीए के 10 फीसदी तक के आपके कंट्रिब्यूशन पर सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत डिडक्शन मिलेगा। अगर आप किसी कंपनी के एंप्लॉयी नहीं है तो भी बतौर एक इंडिविजुअल आप एनपीएस में कंट्रिब्यूट कर सकते हैं। लेकिन, इस सेक्शन के तहत मिलने वाला डिडक्शन 80सी की 1.5 लाख रुपये की लिमिट से ज्यादा नहीं होगा। इसके अलावा आप सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये के टैक्स-बेनेफिट भी क्लेम कर सकते हैं।

एनपीएस का यह टैक्स बेनेफिट नई और पुरानी दोनों रीजीम में उपलब्ध

प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले लोगों को एनपीएस के बारे में पूरी जानकारी नहीं होने से उनकी दिलचस्पी इसमें काफी कम रही है। सेक्शन 80सीसीडी (2) आपको अपनी टैक्स काफी ज्यादा घटाने में मदद कर सकता है अगर आपको एंप्लॉयर आपके एनपीएस कॉर्पस में कंट्रिब्यूट करता है। यह टैक्स बेनेफिट ओल्ड और न्यू दोनों रीजीम में उपलब्ध है।

इंडियन एंप्लॉयीज कॉर्पोरेट स्कीम के तहत एनपीएस का लाभ उठा सकते हैं। इनमें रेजिडेंट इंडियंस, NRI और ओवरसीज सिटीजंस ऑफ इंडिया (OCI) शामिल हैं। अगर आप पहले से एनपीएस सब्सक्राइबर हैं तो आप अपना पर्मानेंट अकाउंट नंबर (प्रान) अपने एंप्लॉयर को बता सकते हैं। उसे अपने एनपीएस अकाउंट में कंट्रिब्यूशन करने के लिए कह सकते हैं।

एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर अलग से डिडक्शन

अगर आप सैलरीड एंप्लॉयी हैं और आपको कॉस्ट टू कंपनी स्ट्रक्चर ऐसा है कि आपका एंप्लॉयर आपके एनपीएस में कंट्रिब्यूट करता है तो आपको अपनी 10 फीसदी बेसिक सैलरी और डीए पर डिडक्शन का दावा कर सकता है। सरकारी एंप्लॉयी के मामले में यह डिडक्शन 14 फीसदी है। आपको अपने कंट्रिब्यूशन पर सेक्शन 80सीसीडी (1) और सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत अलग से डिडक्शन मिलेगा।

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