दिल्ली के सात संसदीय क्षेत्रों में से एक नॉर्थ वेस्ट दिल्ली की सीट है। 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट बनी थी। यह सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए रिजर्व है। इस सीट पर पहला चुनाव 2009 में हुआ था। तब कांग्रेस की कृष्णा तीरथ ने बीजेपी की मीरा कनवरिया को हराया था। 2014 के लोकसभा चुनावों में तीरथ तीसरे पायदान पर आई थीं। उन्हें कुल पड़े मतों के 12 फीसदी से कम मिला था। 2014 में इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार उदित राज जीते थे। उन्होंने आप की राखी बिरला को एक लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था। 2019 में बीजेपी ने मशहूर गायक हंसराज हंस को टिकट दिया था। उन्होंने आप के गुगन सिंह को 5.5 लाख से ज्यादा सीटों के अंतर से हराया था।
नॉर्थ वेस्ट दिल्ली सीट में ग्रामीण क्षेत्र आता है, जहां रहने वाले लोग ज्यादातर डेयरी और ट्रेडिशनल फॉर्मिंग करते हैं। इसके अलावा मतदाताओं का एक हिस्सा प्रवासी मजदूरों का है। इनमें से ज्यादातर रिक्शाचालक और इंडस्ट्रियल वर्कर्स हैं। दिल्ली के इस इलाके में कई हाउसिंग सोसायटीज बन गई हैं। 2024 में बीजेपी ने योगेंद्र चंदोलिया को यहां से टिकट दिया है। इस बार उदित राज कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। उन्हें कांग्रेस का समर्थन हासिल है, क्योंकि दोनों पार्टियां मिलकर दिल्ली में चुनाव लड़ रही हैं।
62 साल के योगेंद्र चंदोलिया दिल्ली विश्वविद्यालय के शिवाजी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही राजनीति में आ गए थे। वह बीजेपी के दलित चेहरों में से एक हैं। उन्हें 2023 में दिल्ली इकाई में महासचिव नियुक्त किया गया था। इससे पहले पहले वह दिल्ली नगरनिगम के चुनाव जीत चुके हैं। 2022 में दक्षिण दिल्ली, उत्तरी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली को मिलाकर दिल्ली नगर निगम बनाया गया। चंदोलिया ने दिल्ली विधानसभा का चुनाव 2015 में लड़ा था। 2020 में उन्होंने दोबारा करोलबाग से चुनाव लड़ा। लेकिन, वह आप के उम्मीदवार से हार गए थे। इस बार वह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
उदित राज ने कॉलेज की पढ़ाई और फिर जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पढ़ाई के दौरान सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया था। 1988 में उनका चयन इंडिया रेवेन्यू सर्विस के लिए हुआ था। 1990 में असिस्टेंट कमिश्नर के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग गाजियाबाद में हुई थी। बाद वह इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर बने। 2003 में उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। फिर उन्होंने इंडिया जस्टिस पार्टी बनाई। 2014 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय BJP में किया था। उस साल उन्होंने उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा। 2019 में उन्होंने बीजेपी को छोड़ दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए।
इस लोकसभा सीट के तहत विधानसभा की 10 सीटें आती हैं। इनमें से 9 सीटें 2020 के विधानसभा चुनावों में आप के खाते में गई थीं। एक सीट बीजेपी को मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट पर करीब 58.97 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस बार चुनाव के छठे चरण की वोटिंग में यहां 25 मई को मतदान होना है।