उद्योग/व्यापार

Nifty, Sensex में 7 हफ्ते की बढ़त का सिलसिला टूटा, लेकिन सूचकांकों में आगे तेजी रहने के आसार

निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) 22 दिसंबर को बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 242 अंक यानी 0.34 पर्सेंट ऊपर 71,107 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 94.40 अंक यानी 0.44 पर्सेंट की बढ़त के साथ 21,350 पर बंद हुआ। हालांकि, दोनों सूचकांकों में 7 हफ्ते से चल रही बढ़त का सिलसिला टूट गया और इनमें साप्ताहिक आधार पर 0.5 पर्सेंट की गिरावट रही।

निफ्टी ऑटो (Nifty Auto), निफ्टी आईटी (Nifty IT), निफ्टी मेटल (Nifty Metal) और निफ्टी फार्मा (Nifty Pharma) सूचकांकों में 22 दिसंबर को तकरीबन 2 पर्सेंट की बढ़त रही, जबकि निफ्टी बैंक (Nifty Bank) और निफ्टी पीएसयू बैंक (Nifty PSU Bank) में 0.7 पर्सेंट तक की गिरावट रही।

जानकारों के मुताबिक, चुनिंदा शेयरों में शानदार तेजी की वजह से निफ्टी और सेंसेक्स में आगे भी तेजी का ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, बाजार की मुख्य चिंता फिलहाल मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में ऊंचे वैल्यूएशन को लेकर है। शेयर बाजार में मौजूदा तेजी की वजह रिटेल इनवेस्टर्स की सक्रियता और मिड व स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंडों में लगातार निवेश जारी रहना है। हालांकि, मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बाजार में तेजी कम समय के लिए है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) में रिसर्च हेड विनोद नायर ने बताया, ‘इस हफ्ते ‘गिरावट पर खरीदारी’ की रणनीति की वजह से निवेशकों को दिलचस्पी बनी रही। मिड और स्मॉल कैप शेयर सुर्खियों में रहे। तेल की कीमतों में कटौती और नए साल में ब्याज दरों में कटौती के अनुमानों का फायदा निवेशकों को मिला।’

नायर के मुताबिक, प्रीमियम वैल्यूएशन के बावजूद शॉट टर्म पॉजिटिव ट्रेंड बरकरार है और फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FIIs) द्वारा शेयरों की खरीद भी तेज हुई है। उन्होंने कहा, ‘फेस्टिव सीजन और साल का आखिरी हफ्ता होने की वजह से बाजार में अगले हफ्ते सीमित दायरे में कारोबार देखने को मिल सकता है।’ एलिक्सर कैपिटल (Elixir Capital) के फाउंडर डायरेक्टर दीपन मेहता के मुताबिक, अगले कुछ महीनों में निफ्टी और सेंसेक्स की परफॉर्मेंस लार्ज और मिड-कैप स्टॉक्स के मुकाबले बेहतर रहने का अनुमान है।

उनका कहना है कि आने वाले हफ्तों और महीनों में लार्ज कैप शेयरों के लिए बेहतर संभावना है। उनके मुताबिक, अर्निंग सीजन शुरू होने तक मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में स्थिरता देखने को मिल सकती है।

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