नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के खिलाफ चार राज्यों में छापेमारी अभियान चलाया। इस दौरान एनआईए ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही इनके पास से हथियार, गोला-बारूद, आपत्तिजनक उपकरण और दस्तावेज, नकदी और आभूषण के साथ एक भारतीय सेना की वर्दी भी जब्त की गई। एनआईए ने आज जिन आरोपियों और संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की है वे सभी झारखंड में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पीएलएफआई के कैडर और समर्थक थे। ये सभी हिंसक वारदातों को अंजाम देने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल थे।
23 जगहों पर ली तलाशी
एनआईए की कार्रवाई के तहत आज झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और नई दिल्ली में प्रतिबंधित संगठन और आरोपियों से जुड़े कुल 23 स्थानों की तलाशी ली गई। इनमें झारखंड में 19 स्थानों (गुमला, रांची, खूंटी, सिमडेगा, पलामू और पश्चिमी सिंहभूम जिले), बिहार (पटना जिला) और मध्य प्रदेश (सिद्धि जिला) में एक-एक स्थान और नई दिल्ली में दो स्थानों पर तलाशी ली गई। छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान बिहार के रमन कुमार सोनू उर्फ सोनू पंडित और दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले के निवेश कुमार के रूप में हुई है। भारत के विभिन्न राज्यों में पीएलएफआई के नेताओं, कैडरों और समर्थकों द्वारा जबरन वसूली/रंगदारी से संबंधित मामले में एनआईए द्वारा दर्ज एफआईआर में दोनों आरोपियों का नाम शामिल है।
सेना की वर्दी सहित अन्य सामान बरामद
एनआईए की तलाशी के दौरान दो पिस्तौल, जिंदा कारतूस (7.86 मिमी), भारतीय करेंसी के अलावा, तीन लाख नकदी, डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पेन ड्राइव, डीवीआर) और दस्तावेज (डायरी और कागजात का एक गुच्छा) सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। इसके साथ ही सोने और चांदी के आभूषण और सेना की वर्दी भी जब्त की गई। पीएलएफआई कैडरों द्वारा जबरन वसूली के माध्यम से आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण की जानकारी मिलने के बाद एनआईए ने 11 अक्टूबर 2023 को आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम, 1967 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
जबरन वसूली कर जुटाते थे धन
एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित संगठन के कैडर झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में विभिन्न कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, रेलवे ठेकेदारों और व्यापारियों से जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटाने में शामिल थे। वे सुरक्षा बलों पर हमले, हत्या, आगजनी और समाज में आतंक पैदा करने के लिए विस्फोटकों/आईईडी का उपयोग सहित विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश भी रच रहे थे। जांच के अनुसार, पीएलएफआई कैडर रंगदारी वसूलने के अलावा अन्य नापाक गतिविधियों, जैसे हथियारों और गोला-बारूद की खरीद में भी शामिल थे। जांच में यह भी पता चला है कि पीएलएफआई के नेता, कैडर और समर्थक झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य पीएलएफआई प्रभावित राज्यों में संगठन को पुनर्जीवित करने और विस्तार करने की साजिश रच रहे थे।
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