MP Lok Sabha Elections Phase 3 Voting Live: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में 9 संसदीय सीटों पर मंगलवार (7 मई) सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो चुका है। तीसरे चरण में 9 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। इनमें मुरैना, भिंड (SC), ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ और बैतूल (ST) लोकसभा सीट शामिल हैं। इन सभी सीटों पर साल 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत दर्ज की थी। इस दौरान 1.77 करोड़ से अधिक मतदाता 9 सीटों के लिए मैदान में उतरे 127 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
इनमें अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में सभी सीटें पर जीत की उम्मीद कर रही है। राज्य में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। वर्ष 2019 में बीजेपी छिंदवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र पर जीत हासिल करने में विफल रही थी। छिंदवाड़ा ही एकमात्र सीट थी जो कि कांग्रेस के खाते में आई। पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ ने यह सीट जीती थी।
दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
मध्यप्रदेश की 9 सीटों के लिए चुनाव के दौरान तीन बड़े दिग्गजों शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह का राजनीतिक भविष्य तय होगा। बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगभग 17 वर्षों के बाद विदिशा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसका वे पूर्व में कई बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। शिवराज का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप भानु शर्मा से है।
वहीं, राजगढ़ सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री 77-वर्षीय दिग्विजय सिंह का मुकाबला दो बार के बीजेपी सांसद रोडमल नागर से है। बीजेपी को मध्य प्रदेश की सभी 29 सीट पर अपनी जीत की उम्मीद है।
गुना सीट पर यादव समुदाय के वोट चुनावी पलड़ा झुका सकते हैं। यहां सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव से है। वर्ष 2019 में सिंधिया कांग्रेस के उम्मीदवार थे, लेकिन भारतीय जनत पार्टी के केपी यादव से सिंधिया परिवार के इस गढ़ में हार गए थे।
ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार के वंशज सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए थे। विदिशा में चौहान सहज दिख रहे हैं, लेकिन राजगढ़ में मुकाबला करीबी हो सकता है। दिग्विजय सिंह 1984 और 1991 में राजगढ़ सीट से जीते थे, लेकिन 1989 में हार गए, वह 1993 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
क्लीन स्वीप की तैयारी में बीजेपी
बीजेपी मध्य प्रदेश में क्लीन स्वीप की उम्मीद कर रही है, जो 29 सदस्यों को लोकसभा भेजता है। 2019 में बीजेपी छिंदवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस का सफाया करने से चूक गई। पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी के लिए हाई-वोल्टेज अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने कोटा से लेकर आतंकवाद से निपटने और विरासत कर तक कई मुद्दों पर कांग्रेस पर निशाना साधा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने सामाजिक न्याय के इर्द-गिर्द चुनावी माहौल तैयार किया। उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधने के लिए बेरोजगारी, किसानों के साथ अन्याय और चुनिंदा व्यापारियों के साथ कथित अनुकूल व्यवहार जैसे मुद्दे उठाए। पीएम मोदी ने 24 अप्रैल को भोपाल में एक रोड शो का भी नेतृत्व किया था।
सिंधिया की साख भी दांव पर
उच्च हिस्सेदारी वाले गुना में सिंधिया का मुकाबला कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव से है। 2019 में सिंधिया कांग्रेस के उम्मीदवार थे और वह बीजेपी के केपी यादव से सिंधिया परिवार का गढ़ हार गए। ग्वालियर के पूर्व शाही परिवार के वंशज, सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गए।
विदिशा में चौहान सहज दिख रहे हैं, लेकिन राजगढ़ में मुकाबला करीबी हो सकता है। दिग्विजय सिंह 1984 और 1991 में राजगढ़ से जीते लेकिन 1989 में हार गए। वह 1993 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में से 12 सीटों के लिए मतदान 19 और 26 अप्रैल को दो चरणों में संपन्न हुआ। बाकी 8 सीटों पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा।