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Maharashtra Loksabha Election: कोल्हापुर और सतारा सीट पर दो वंशज, दो विचारधाराएं और शाही प्रतिष्ठा लगी दांव पर

Maharashtra Loksabha Election: कोल्हापुर और सतारा सीट पर दो वंशज, दो विचारधाराएं और शाही प्रतिष्ठा लगी दांव पर

Maharashtra Loksabha Election 2024: महाराष्ट्र में, कोई भी रैली छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की पौराणिक छाप के बिना पूरी नहीं होती है। चाहे वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की आवाज हो या कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की, हर भाषण में इस प्रतिष्ठित राजा की विरासत की गूंज है। महाराष्ट्र में सभी रैलियों में लोग “जय भवानी, जय शिवाजी” और “छत्रपति शिवाजी महाराज की जय” के नारे लगाते हैं। 19 अप्रैल से शुरू हुए लोकसभा चुनाव में राजघराने के वंशज सियासी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

कांग्रेस ने छत्रपति शिवाजी महाराज के 12वें वंशज 76 साल के छत्रपति शाहू महाराज को कोल्हापुर से महा विकास अघाड़ी (MVA) का उम्मीदवार बनाया है। साहू का कांग्रेस के साथ एक इतिहास रहा है। 1990 के दशक के आखिर में शिवसेना में शामिल होने से पहले वो कुछ समय के लिए पार्टी से जुड़े रहे थे।

कौन हैं छत्रपति उदयनराजे भोसले?

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने सतारा से चुनाव लड़ने के लिए छत्रपति उदयनराजे भोसले को चुना है। उदयनराजे तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं। हालांकि, वो 2019 का उपचुनाव तत्कालीन अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के श्रीनिवास पाटिल से हार गए।

इससे पहले, उसी साल, उन्होंने NCP के टिकट पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस्तीफा दे दिया और BJP के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इस बार उनका मुकाबला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (NCP-SP) के उम्मीदवार शशिकांत शिंदे से है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान उदयनराजे ने सतारा के विकास पर फोकस किया है।

क्या इन सीटों का समीकरण?

शाहू महाराज का मुकाबला एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मौजूदा कोल्हापुर सांसद संजय मांडलिक से है, जिनके पिता सदाशिवराव मांडलिक पहले तीन बार इस सीट से जीत चुके हैं।

इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें से तीन में कांग्रेस के विधायक हैं, दो में अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के पास और एक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का विधायक है।

‘भारत के संविधान को बचाना चाहता हूं’

जब News18 ने उनसे पूछा कि वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव क्यों लड़ रहे हैं? तो उन्होंने कहा, “आजादी के दौर में मेरे परिवार ने कांग्रेस का समर्थन किया था। मैं भारत के संविधान को बचाना चाहता हूं।”

यह पूछे जाने पर कि उन्हें क्यों लगता है कि BJP संविधान बदलने की योजना बना रही है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार इससे इनकार किया है, उम्मीदवार ने पूछा कि भाजपा 400 से ज्यादा लोकसभा सीटें क्यों चाहती है?

इस मामले पर बोलते हुए छत्रपति उदयनराजे भोसले ने कहा कि बीजेपी भारत का संविधान नहीं बदलेगी। उन्होंने कहा, “विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है और इसलिए वह इसे मुद्दा बना रहा है।”

सतारा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं। यहां BJP के नेतृत्व वाली महायुति के चार विधायक हैं, जबकि महा विकास अघाड़ी के दो विधायक हैं। इसलिए, पर्यवेक्षकों का कहना है कि उदयनराजे अपने MVA प्रतिद्वंद्वी शशिकांत शिंदे से बेहतर स्थिति में हो सकते हैं।

दोनों उम्मीदवार महाराष्ट्र के लोगों की सेवा करना चाहते हैं

शाहू महाराज और उदयनराजे भोसले दो अलग-अलग सीटों पर वैचारिक रूप से अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन दोनों का कहना है कि वे महाराष्ट्र के लोगों की सेवा करना चाहते हैं।

प्रचार के दौरान शाहू महाराज कोल्हापुर के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जबकि उदयनराजे भोसले इस बात पर जोर दे रहे हैं कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने लोगों के उत्थान के लिए कैसे काम किया और साथ ही केंद्र में बीजेपी शासन के 10 सालों में क्या काम किया।

क्योंकि उदयनराजे और शाहू महाराज दोनों ही सभी समुदायों को समर्थन देने की छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा का सख्ती से पालन करते हैं, चुनावी मैदान पर उन्हें अपनी-अपनी पार्टियों के लिए मोर्चा संभालना होगा, क्योंकि एक धर्मनिरपेक्षता के प्रति प्रतिबद्ध है, जबकि दूसरा हिंदुत्व की कसम खाता है।

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