दिग्गज इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी, लर्सन एंड टुब्रो (L&T) के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। यह एक साल में 2 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू पार करने वाली नॉन-फाइनेंस सेक्टर की देश की छठवीं प्राइवेट कंपनी बन गई है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का रेवेन्यू 21 फीसदी बढ़कर 2.21 लाख करोड़ रुपये रहा। कंपनी को प्रोजेक्ट्स एंड मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस में एक बड़े ऑर्डर बुक को पूरा करने से रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिली। L&T से पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज ने भी यह उपलब्धि हासिल की थी।
देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2024 में 9 लाख करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया। वहीं टाटा मोटर्स और टाटा स्टील का पिछले 12 महीने का रेवेन्यू क्रमश: 4.2 लाख करोड़ और 2.3 लाख करोड़ रुपये रहा। बेंगलुरु की गोल्ड रिटलेर- राजेश एक्सपोर्ट्स को इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि उसके बिजनेस का नेचर काफी अलग है।
L&T ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 में उसके रेवेन्यू का 43 फीसदी हिस्सा या करीब 95,086 करोड़ रुपये इंटरनेशनल बिजनेस से आए। कंपनी को कई ओवरसीज प्रोजेक्ट्स के पूरा होने से अपना इंटरनेशनल रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिली।
कंपनी का शुद्ध मुनाफा मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 25 फीसदी बढ़कर 13,059 करोड़ रुपये रहा। हालांकि इस मुनाफे में 94 करोड़ रुपये का एक ‘एक्सेप्शनल गेन’ भी शामिल है, जो इसे L&T इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में हिस्सेदारी बेचने से मिला है।
पूरे वित्त वर्ष के दौरान, कंपनी को ग्रुप स्तर पर ₹3.02 लाख करोड़ के ऑर्डर मिले, जो इसके पिछले साल के मुकाबले 31% अधिक है। कंपनी के मुताबिक, हाइड्रोकार्बन, मेट्रो, शहरी ट्रांजिट सिस्टम, हवाई अड्डे, सड़क और पुल, हाउसिंग, रिन्यूएबल, ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन और प्रिसिजन इंजीनियरिंग सेक्टर्स में उसे घरेलू और ओवरसीज ऑर्डर मिले हैं।
कुल ऑर्डर में से, इंटरनेशनल ऑर्डर 1.63 लाख करोड़ रुपये के हैं, जो कुल ऑर्डर फ्लो का 54% है। हालांकि, कंपनी को लोकसभा चुनाव और भू-राजनीतिक तनाव के कारण मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान ऑर्डर फ्लो में मंदी की उम्मीद है। कंपनी के रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा सरकारी ऑर्डरों से आता है।