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Loksabha Elections 2024: बागपत में क्या BJP की लगेगी हैट्रिक? मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने दी थी इन दिग्गजों को पटखनी

Loksabha Elections 2024: बागपत में क्या BJP की लगेगी हैट्रिक? मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने दी थी इन दिग्गजों को पटखनी

Loksabha Elections 2024: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पड़ोसी राज्य हरियाणा की सीमा से सटे बागपत (Baghpat Loksabha) की धरती पर राजनीति हमेशा खास रही है। इसी ऐतिहासिक धरती ने देश को चौधरी चरण सिंह जैसा प्रधानमंत्री दिया। जिनके आदर्शों पर चलने का तमाम राजनीतिक पार्टियां दावा करती हैं। बीजेपी हो, सपा, बसपा, RLD या फिर कांग्रेस, सभी चौधरी साहब को किसान मसीहा के रूप में पूजती हैं। उनके नाम पर वोट बटोरने को कोशिश में जुटी रहती हैं। इस सीट से पिछले दो बार के चुनाव में BJP का कब्जा है। बीजेपी से डॉ. सत्यपाल सांसद हैं। बता दें कि सत्यपाल आईपीएस अधिकारी हैं और मुंबई के पुलिस कमिश्वर रह चुके हैं।

सत्यापल सिंह ने साल साल 2014 के चुनाव में छोटे चौधरी यानी अजित सिंह को हरा दिया था। वहीं साल 2019 के चुनाव में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को हराया था। अब देखना ये है कि जयंत चौधरी इस चुनाव में अपनी पारवारिक सीट को किस तरह से बचा पाएंगे। पिछले चुनाव में जंयत चौधरी और अजित सिंह को करार हार का सामना करना पड़ा था।

बागपत लोकसभा सीट का इतिहास

बागपत लोकसभा सीट 1967 में बनी थी। सबसे पहले जनसंघ ने अपनी जीत दर्ज कराई थी। 1967 में यहां पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार आर एस शास्त्री पहले सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस के के सी शर्मा को भारी वोटों के अंतर से हराया। इसके बाद कांग्रेस ने यहां अपना परचम लहराया। लेकिन इमरजेंसी के बाद 1977 में आए राजनीतिक भूचाल से किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह उभरकर सामने आए। इसके बाद 1977, 1980 ओर 1984 में लगातार 3 बार लोकसभा चुनाव जीते। यही कारण है कि इस सीट को चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि कहा जाता है।

चौधरी चरण सिंह के निधन के बाद 1989 के लोकभा चुनाव में उनके बेटे अजित सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ा ओर लगातार 6 बार इस सीट से सांसद बने। कुल मिलाकर बागपत सीट पर पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के परिवार का कब्जा रहा है। लेकिन पिछले दो चुनाव में यह किला ढह गया।

जानिए किस पार्टी से कौन हैं उम्मीदवार

बागपत लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) की तरफ से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अमरपाल शर्मा को मैदान में उतारा है। जबकि NDA में ये सीट राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के खाते में गई है। RLD ने राजकुमार सांगवान को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बहुजन पार्टी (BSP) ने प्रवीण बैंसला को टिकट दिया है। जाटलैंड कही जाने वाली बागपत सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होंगे।

बागपत लोकसभा में 15 लाख से ज्यादा हैं मतदाता

बागपत लोकसभा सीट पर 15 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। पिछले 2014, 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो करीब 10 लाख मतदाताओं ने मतदान किया था। इसमें करीब 6 लाख से अधिक पुरुष और 4 लाख से अधिक महिला मतदाताओं ने हिस्सा लिया। बागपत लोकसभा सीट पर जाट, गुर्जर, त्यागी, राजपूत, मुस्लिम और दलित मतदाताओं का प्रभाव रहा है।

जानिए बागपत लोकसभा सीट में जातीय और राजनीतिक समीकरण

1 – बागपत लोकसभा सीट जनरल कैटेगरी की संसदीय सीट है।

2 – लोकसभा क्षेत्र की साक्षरता दर 62.53 फीसदी है।

3 – बागपत संसदीय सीट पर SC मतदाताओं की संख्या लगभग 227,946 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 14.2 फीसदी हैं।

4 – बागपत संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या करीब 1,202,335 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 74.9 फीसदी है।

5 – बागपत संसदीय सीट पर शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 402,919 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 25.1 फीसदी है।

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