चुनाव आयोग ने बैंकों में अधिकारियों के ट्रांसफर और प्रमोशन को मंजूरी दे दी है, बशर्ते चुनाव ड्यूटी में तैनात किए गए अधिकारियों का ठिकाना नहीं बदले। हालांकि, आयोग ने चुनाव पूरा होने तक बैंकों में नई भर्तियों पर रोक लगा दी है। आयोग ने 28 मार्च को इस सिलसिले में फाइनेंस मिनिस्ट्री को चिट्ठी लिखी थी। इसमें कहा गया है, ‘आयोग को बैंक अधिकारियों के प्रमोशन या ट्रांसफर को लेकर आदर्श आचार संहिता के नजरिये से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते चुनाव कार्य में शामिल किसी भी अधिकारी को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक इधर-उधर न किया जाए।’
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सभी पब्लिक सेक्टर बैंक और कुछ अन्य इकाइयों को चुनाव आयोग के इस निर्देश के बारे में ईमेल के जरिये जानकारी दी है। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंश्योरेंस कंपनियां (LIC समेत), ग्रामीण बैंक, डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल और अन्य सरकारी वित्तीय संस्थान शामिल हैं। मनीकंट्रोल के पास चुनाव आयोग और मिनिस्ट्री की तरफ से बैंकों को भेजी गई ईमेल की प्रति भी है।
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने आयोग को 26 मार्च को लिखी चिट्ठी में यह मुद्दा उठाया था। इस चिट्ठी में संबंधित संस्थानों में आम चुनावों से पहले सामान्य प्रक्रिया के तहत प्रमोशन, भर्तियों और ट्रांसफर की मंजूरी देने की मांग की गई थी। चुनाव आयोग द्वारा 16 मार्च को लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। चुनाव के नतीजे घोषित होने तक देश में आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी।
17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है, लिहाजा कुल 543 सीटों पर चुनाव इस तारीख से पहले हो जाने चाहिए।