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Loksabha Election: 40 सबसे अमीर में उम्मीदवारों में से 26 तमिलनाडु के प्रत्याशी, दक्षिण राज्य में चुनाव जीतने के लिए पानी तरह बहाया जाता है पैसा

Loksabha Election: 40 सबसे अमीर में उम्मीदवारों में से 26 तमिलनाडु के प्रत्याशी, दक्षिण राज्य में चुनाव जीतने के लिए पानी तरह बहाया जाता है पैसा

Tamil Nadu Loksabha Election 2024: चुनाव आते ही, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि राजनीतिक लड़ाई को जीतने के लिए पैसा और बाहुबल दो बड़े हथियार हैं। अभियान खर्च पर चुनाव आयोग की लिमिट के बावजूद, पैसा ही सामान्य सद्भावना, भीड़ जुटाने और मजबूत व्यक्ति की छवि में मदद करता है। आयोग के नियम के मुताबिक, बड़े निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव प्रचार खर्च की लिमिट ₹95 लाख और छोटे निर्वाचन क्षेत्रों के लिए ₹75 लाख है।

चुनाव लड़ने के लिए पैसा कितना जरूरी है, इसका पता आपको खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान से लग जाएगा। उन्होंने कुछ हफ्ते पहले ही ये कहकर सुर्खियां बटोरी थीं कि वो चुनाव इसलिए नहीं लड़ रही हैं, क्योंकि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए उतना पैसा नहीं है।

2019 में जब्त किया गया 219 करोड़ कैश

एक सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा, “मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए उतना पैसा नहीं है।” साथ ही उन्होंने ये भी कहा, सिर्फ पैसा ही नहीं उनके जीतने के लिए अलग-अलग मानदंड का भी सवाल है, जैसे कि आप किस समुदाय या धर्मे से हैं?”

कई लोग तर्क देते हैं कि दूसरे राज्यों की तुलना में तमिलनाडु में यह बात ज्यादा सच है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, अकेले इस राज्य में ₹215 करोड़ कैश जब्त किया गया था, जो 2014 के चुनाव में जब्त की गई रकम से 10 गुना ज्यादा था।

2019 के चुनाव में तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरई मुरुगन के बेटे, DMK उम्मीदवार डीएम कथिर आनंद के घर से ₹10.56 लाख की नकदी पाए जाने के बाद वेल्लोर में मतदान टाल दिया गया था।

दो साल पहले, वीके शशिकला के सहयोगी और अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम के संस्थापक, टीटीवी दिनाकरन पर हाई-प्रोफाइल आरके नगर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं को कैश बांटने का आरोप लगाया गया था, जहां 2017 में अपने मौजूदा विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद उपचुनाव हुआ था।

इस चुनाव में भी कैश बड़ा मुद्दा

चल रहे चुनाव में भी तमिलनाडु में मतदान को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स पर चर्चा के केंद्र बिंदु में हार्ड कैश की वापसी देखी गई है। हाल ही में चेन्नई-नेल्लई एक्सप्रेस पर छापे में दो यात्रियों के पास से ₹3.98 करोड़ का बेहिसाब कैश मिला, जिन्होंने दावा किया कि यह पैसा बीजेपी के तिरुनेलवेली उम्मीदवार नैनार नागेंद्रन का था।

तमिलनाडु की राजनीति में पैसे की जिस तरह की भूमिका है, उसे देखते हुए यह कोई हैरानी की बात नहीं है कि इस साल के चुनाव में सबसे अमीर उम्मीदवारों में से कुछ तमिलनाडु से हैं।

40 में 26 अमीर उम्मीदवार तमिलनाडु से

इस साल नामांकन में दाखिल किए गए चुनावी हलफनामों में घोषित संपत्ति की जांच से पता चलता है कि चुनाव लड़ने वाले 40 सबसे अमीर उम्मीदवारों में से 26 तमिलनाडु से हैं।

राज्य से टॉप पर इरोड से AIADMK उम्मीदवार अशोक कुमार हैं, जिनकी घोषित संपत्ति ₹662.5 करोड़ है, वो पूरे भारत में दूसरे सबसे अमीर सांसद भी हैं। उनके बाद BJP के देवनाथन यादव हैं, जो शिवगंगा से चुनाव लड़ेंगे। उनकी घोषित संपत्ति ₹304.9 करोड़ है।

लिस्ट में और भी कई नाम

भारत के सबसे अमीर उम्मीदवारों में 7वें, 8वें और 9वें नंबर पर भी तमिलनाडु के ही नेता हैं – शिवगंगा में कांग्रेस के निवर्तमान सांसद और इस बार के उम्मीदवार, कार्ति पी. चिदंबरम ₹96.3 करोड़ संपत्ति के साथ सातवें सबसे उम्मीदवार हैं।

इसके बाद आठवें नंबर पर BJP के पेरम्बलुर उम्मीदवार, टी आर पारीवेंधर (₹93.2 करोड़) और 9वें नंबर DMK के कथिर आनंद (₹88.8 करोड़) हैं। DMK के दूसरे दिग्गज नेता, जिनमें कनिमोझी करुणानिधि, टीआर बालू और कलानिधि वीरास्वामी जैसे कई राजवंश भी शामिल हैं, जो अमीरों की लिस्ट में शामिल हैं।

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